स्थायी नौकरियां पानेवालों से अधिक गंवानेवाले होंगे
दस वर्षो से अधिक समय से अनियमित तौर पर बहाल कर्मियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला।
रांची । दस वर्षो से अधिक समय से अनियमित तौर पर बहाल कर्मियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला भले ही उम्मीदें जगाने वाला हो, वास्तविकता में इससे हर किसी को लाभ मिल जाए ऐसा नहीं लग रहा। दरअसल, बड़ी संख्या में अनियमित तौर पर बहाल कर्मी नियमित पद के विरुद्ध बहाल नहीं हैं। कुछ मामलों में तो बहाली के वर्षो बाद पद नियमित हुए हैं और ऐसे में इन्हें लाभ मिले, इसकी संभावना कम है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने जो अनुशंसा सरकार को भेजी है उससे तो ऐसा ही लग रहा है। हालांकि अनुशंसाओं पर अभी सीएम के स्तर से विचार चल रहा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दस वर्ष से अधिक समय से अनियमित तौर पर काम कर रहे लोगों की नियमित बहाली का आदेश दिया है। इस आदेश के आलोक में झारखंड में अनियमित रूप से नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमितीकरण नियमावली-2015 में कुछ संशोधन किया गया है। पहला प्रभावी संशोधन कट ऑफ डेट में है तो दूसरा नियमावली के लागू होने की तिथि से एक वर्ष का लाभ देने का मामला।
इन कारणों से हो सकते हैं वंचित
-पद स्वीकृत नहीं होने की स्थिति में लाभ नहीं मिलेगा।
-निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं होने की स्थिति में।
-नियोजन के वक्त पद स्वीकृत नहीं हो और शैक्षणिक योग्यता अनुकूल नहीं होने की स्थिति में। बाद में पद स्वीकृत होने अथवा योग्यता प्राप्त कर लेने पर भी नहीं मिलेगा लाभ।
-अनियमित नियुक्ति सक्षम प्राधिकार द्वारा नहीं की गई हो।
-आरक्षण के प्रावधानों के अनुपालन में कोई बाधा उत्पन्न हो तो।
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