व्यवस्थित जीवन जीना सिखाता है संस्कार
स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। स्वस्थ आदमी हर काम ऊर्जा और उत्साह के साथ करता है। व्यवस्थित जीवन के लिए संस्कार जरूरी है।
जागरण संवाददाता, रांची : स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। स्वस्थ आदमी हर काम ऊर्जा और उत्साह के साथ करता है। हर काम में अपनी क्षमता का सौ फीसद देता है, जिससे उनके काम की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना सबके लिए जरूरी है। व्यक्ति को जीवन में व्यवस्थित जीवन जीना चाहिए। जो संस्कार से ही मिलता है। उक्त बातें गुरुवार को दैनिक जागरण की ओर से एचईसी के सेक्टर दो स्थित विवेकानंद विद्या मंदिर में आयोजित संस्कारशाला कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर व लेखक मिलन सिन्हा ने कही। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए व्यवस्थित दिनचर्या होना चाहिए। सबेरे उठना, समय से खाना-पीना, सोना। खानपान में फास्ट व जंक फूड से परहेज करने से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं। खूब चबाकर खाना चाहिए। कहावत है सूरज के साथ उठने से चेहरे पर सूरज सा चमक और फुर्ती बना रहता है। हर काम में मन लगता है। यह सब हमारे संस्कार का हिस्सा है। जब तक हम अपने स्वास्थ के प्रति जागरूक नहीं होंगे तब तक चाहे पढ़ाई, खेल, घरेलू कार्य हो, हम किसी भी कार्य में अपना श्रेष्ठ योगदान नहीं दे पाएंगे। स्टोरी टेलिंग कार्यक्रम के तहत सिन्हा ने बच्चों को संस्कार से जुड़ी बातें बताते हुए कहा कि समय समानता के साथ गतिमान है। हर दिन सबको एक समान समय मिलता है। कोई समय का सदुपयोग कर आगे बढ़ जाता तो, कोई समय का दुरुपयोग या उपयोग न करने की स्थिति में अपनी कारवां को आगे नहीं बढ़ा पाता है। हमें समय का सदुपयोग कर सफलता का मार्ग खुद तैयार करना होगा। उन्होनें कहा की जीवन के दो पहलू हैं, सफलता और असफलता। हमें कामयाबी का जश्न तो मनाना चाहिए, लेकिन अपनी मंजिल पर संतुष्ट होकर रुकना नहीं चाहिए। निरंतर उससे बड़ी सफलता की तलाश में आगे बढ़ते रहना चाहिए।