RIMS में पांच घंटे तक पड़ा रहा मृत नवजात का शव, बगल में दूसरे बच्चों का होता रहा इलाज
रिम्स में एक नवजात की मौत के बाद नर्सों की लापरवाही के चलते पांच घंटे तक शव पड़ा रहा।
रांची, जासं। रिम्स का नवजातों के साथ फिर से अमानवीय चेहरा सामने आया। पांच घंटे तक एक नवजात दूसरे मृत नवजात के शव के साथ एक ही बेड पर सोया रहा। यहां अति गंभीर अवस्था के बच्चों को रखा जाता है। जिनकी पल-पल की निगरानी जरूरी है। गढ़वा का यह बच्चा विलुप्त होती जनजाति बिरहोर समुदाय का था। यहां कोई यह भी देखने वाला नहीं था कि पांच घंटे से दूसरा बच्चा मरा पड़ा है। यह गंभीर लापरवाही का मामला है। 20 दिनों पहले भी एक नवजात दो दिन तक एनआइसीयू में मरा पड़ा रहा। दुर्गंध फैलने के बाद रिम्स प्रबंधन की नींद टूटी। उस लापरवाही के लिए आज तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
रिम्स प्रबंधन ने संजीदगी दिखाई होती या कार्रवाई की होती तो दोबारा घटना की पुनरावृत्ति नहीं होती। मंगलवार को मीडिया को जब इसकी सूचना मिली तो लोग वहां पहुंचे। इसकेबाद रिम्स प्रबंधन रेस हुआ और इसके बाद रिम्स प्रबंधन द्वारा बच्चे को हटाया गया। रिम्स प्रबंधन द्वारा बकायदा निर्देश जारी किया गया है कि वार्ड में किसी भी मरीज की मौत होने पर सुपरवाइजरों को 15 मिनट के अंदर शव को हटा देना है। यह आदेश सिर्फकागजों में ही सिमटकर रह गया है।
प्रबंधन को इसकी जानकारी रहने के बावजूद किसी भी कर्मी पर कार्रवाई नहीं की जाती है। शव के बगल में मरीज का उपचार करने के नाम पर उसे संक्रमण बांटा जाता है। चतरा के रहने वाले 11 वर्षीय बिरहोर बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई और उसके शव को ले जाने का इंतजाम समय पर नहीं किया गया। उसके परिजन शव को घर ले जाने के लिए इधर से उधर भटकते रहे। जब इसकी जानकारी रिम्स प्रबंधन को दी गई, तब रिम्स प्रबंधन द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई गई।
दोषी पर कार्रवाई होगी : देखिए संसाधनों की कमी के कारण एक बेड पर दो बच्चे को रखकर फोटोथेरेपी की जाती है, लेकिन बच्चे की मौत होने पर उसे 15 मिनट में हटाने का निर्देश है। हालांकि इस घटना की जानकारी नहीं है। लेकिन, अगर ऐसा किसी के द्वारा किया गया होगा तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।-डा. विवेक कश्यप, अधीक्षक, रिम्स
यह भी पढ़ें : रिम्स के एनआइसीयू में 30 घंटे पड़ा रहा शिशु का शव, दुर्गंध होने पर हटाया