होरा हत्याकांड को लेकर पुलिस-प्रशासन के खिलाफ दिखी नाराजगी
राजधानी में कानून व्यवस्था की खराब हालत पर लोगों में नाराजगी साफ झलक रही है। पुलिस के खिलाफ लोग सड़क पर आ गए।
जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी में कानून व्यवस्था की खराब हालत पर लोगों में नाराजगी साफ झलक रही थी। खासकर सिख समुदाय के लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा उबल पड़ा। शनिवार को सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना था कि अपराधियों को नहीं रोक पा रहे हैं तो एनकाउंटर कर दें।
सिख व्यवसायी बिंदुल वर्मा सहित अन्य लोगों का कहना था कि रांची को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट चाहिए। सुजाता चौक गोलचक्कर पर सैकड़ों लोगों ने जमा होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वे विधि व्यवस्था को लेकर प्रशासन को कोस रहे थे। आक्रोशित लोग बार-बार सीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे। एक व्यवसायी ने सवाल उठाया कि आखिर पुलिस किसकी सुरक्षा के लिए है। पुलिस आम आदमी पर तो कार्रवाई करती है, लेकिन अपराधियों को पकड़ नहीं पाती है।
डायवर्ट कर भेजे गए वाहन : सुजाता चौक सहित पूरे शहर में जाम ऐसा रहा कि इससे निजात दिलाना मुश्किल हो गया। सुजाता चौक पहुंचने वाली हर सड़क को डायवर्ट कर दिया गया था। एक तरफ एकरा मस्जिद, दूसरी ओर ओवरब्रिज के पास रोक दिया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में ट्रैफिक पुलिसकर्मी रूट डायवर्ट और जाम से निजात दिलाने में जुटे थे।
सुजाता चौक पर लगाई गई थीं बसें : सुजाता चौक पर दोनों ओर से जाम करने के लिए स्कूल की बसें लगा दी गई थीं। यहां तक सुजाता सिनेमा के गेट को भी बैरिकेड लगाकर जाम कर दिया गया था। कहीं से भी किसी भी वाहन को आने-जाने नहीं दिया जा रहा था।
अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर
धरना में मृत व्यवसायी नरेंद्र सिंह होरा के भाई ने सवाल उठाते हुए कहा कि अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर क्यों हैं। उन्हें अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। उन्होंने पुलिस की निगरानी व्यवस्था और चेकिंग सिस्टम पर भी सवाल उठाया। कहा कि आखिर दोपहिया वाहन पर ट्रिपल राइडिंग की जांच क्यों नहीं की गई। अगर जांच की जाती, तो जरूर अपराधी पकड़ में आ जाते।
किस काम का सीसीटीवी : लोगों का कहना था कि अपराधी आराम से हत्या कर निकल जा रहे हैं। मेन रोड में लगाए गए सीसीटीवी आखिर किस काम के हैं। पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था बेकार साबित हो रही है।
विपक्षी नेता भी आए नजर : धरना में मृतक व्यवसायी के परिवार के लोगों के साथ-साथ कांग्रेस, झामुमो और अन्य दलों के लोग भी नजर आए। नगर विकास मंत्री के खिलाफ नारे लगाए गए। लोगों का कहना था मौके पर कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा।
आठ बजे से ही जुटने लगे लोग : धरनास्थल पर आठ बजे से ही लोग जुटने लगे। तेज धूप को देखते हुए धरनास्थल पर टेंट भी लगाया गया था। महिलाएं कड़ी धूप के बावजूद जमीं रहीं। इनमें कई परिजन भी थे। कई महिलाएं रोती भी नजर आई।