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कंसलटेंट के बजाए खुद डीपीआर बनाएं अभियंता : चंद्रप्रकाश

रांची : जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने डीपीआर के कारण लटकने वाली सिंचाई योजनाओं

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 09:50 AM (IST)
कंसलटेंट के बजाए खुद डीपीआर बनाएं अभियंता : चंद्रप्रकाश
कंसलटेंट के बजाए खुद डीपीआर बनाएं अभियंता : चंद्रप्रकाश

रांची : जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने डीपीआर के कारण लटकने वाली सिंचाई योजनाओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कंसलटेंट के बजाए विभागीय अभियंता स्वयं डीपीआर तैयार करें ताकि योजना को समय से धरातल पर उतारा जा सके। बुधवार को नेपाल हाउस सचिवालय में सिंचाई योजनाओं की समीक्षा के दौरान मंत्री ने लघु, मध्यम व वृहद सिंचाई योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की।

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चंद्रप्रकाश ने कहा कि विभागीय पदाधिकारी और अभियंता छोटी सिंचाई योजनाओं में डीपीआर बनाने के नाम पर कंसलटेंट बहाल करने से बचे। कहा, विभाग के पास मजबूत आधारभूत संरचना और अभियंताओं की लंबी फौज है, ऐसे में डीपीआर बनाने का काम खुद करें।

बैठक में जल संसाधन विभाग विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख हेमंत कुमार, आरएस तिग्गा, मुख्य अभियंता अशोक कुमार, मंत्री के आप्त सचिव गणेश महतो व सुजीत कुमार सहित विभिन्न योजनाओं से जुड़े सभी कार्यपालक अभियंता मौजूद थे।

मंडल डैम की फारेस्ट क्लीयरेंस से जुड़ी कुछ शर्ते हटेंगी

मंडल डैम की समीक्षा के क्रम में अधिकारियों ने बताया कि फॉरेस्ट्रिक क्लीयरेंस स्टेज वन की स्वीकृति 38 शर्तो के साथ प्रदान कर दी गई है। इनमें 31 शर्तो का अनुपालन विभाग ने किया है। 7 शर्तो का अनुपालन संभव नहीं है और इसे हटाने के लिए एसबीडब्ल्यू द्वारा अनुशसा प्राप्त कर ली गई है।

समीक्षा बैठक में गुमानी, अजय बराज, तिलैया, भैरवा, कैशो, पचखेरो, सिवाने, घाघरा, राइसा, दाहरबाटी, काची, सुरंगी, सोनुवा, अपरशख, रामरेखा एवं कोनार आदि सिंचाई योजना की प्रगति के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी।

स्वर्णरेखा परियोजना पर बोले मंत्री, जल्द दूर करें गतिरोध

चंद्रप्रकाश चौधरी ने स्वर्णरेखा सिंचाई परियोजना की अब तक की प्रगति की जानकारी ली। कहा, परियोजना को लेकर टेंडर से लेकर वर्क प्रक्रिया को पूरा करने में काफी समय लग रहा है। कहा, नियमों को ध्यान में रखकर टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए ताकि भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण होते ही कार्य प्रारंभ किया जा सके। ऐसा करने से ही तय की गई समय सीमा में परियोजना पूरी हो सकेगी। परियोजना से संबंधित कार्यपालक अभियंताओं से स्पष्ट कहा कि जिस भूखंड का मुआवजा भुगतान नहीं होने की वजह से नहर की कनेक्टिविटी बाधित है, उसमें रुचि लेकर गतिरोध दूर करें।

समीक्षा के क्रम में जब यह बात सामने आई कि स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के मुडाकाटी वितरणी का नौ माह में डीपीआर बनाने का काम तीन साल गुजर जाने पर भी पूरा नहीं हुआ है तो उन्होंने संबंधित एजेंसी वैप कॉस को दिसंबर तक का मोहलत देने के बाद विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। परियोजना से जुड़े ईचा डैम के लिए आवश्यक भू-अर्जन एवं पुनर्वास की प्रक्रिया की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर किया और इस कार्य में तय समय सीमा निर्धारित करके पूरा करने को कहा। साथ ही चाडिल काप्लेक्स की स्थिति से भी अवगत हुए उन्होंने बैठक में आए अभियंताओं को यह याद दिलाया कि स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना को तय समय सीमा के अंदर पूरा किया जाना है। ऐसे में इसके लिए आवश्यक टेंडर संबंधी काम समय रहते पूरा कर आवंटित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भू अर्जन, भूमि हस्तातरण व फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामले को संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर समाप्त करें और इस बात का ध्यान रखें कि जिस योजना में भू-अर्जन की समस्या नहीं है वहा पर नियमानुसार भुगतान कर योजना को पूरा करें।

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