VIDEO: संघ के स्कूलों में मुस्लिम बच्चे कर रहे गीता व गायत्री मंत्र का पाठ
यहां के स्कूलों में मुस्लिम बच्चे, बच्चियां गीता पाठ करती हैं, गायत्री मंत्र भी पढ़ती हैं। शांति मंत्र पढ़ने के साथ-साथ सरस्वती पूजा में बढ़चढ़ कर भाग भी लेती हैं।
रांची, संजय कुमार। एक तरफ जहां आम लोगों के बीच यह धारणा फैलाई जाती है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुस्लिम विरोधी है, वहीं दूसरी ओर संघ विचारधारा से संचालित विद्या भारती के अधिकतर स्कूलों में मुस्लिम बच्चे शिक्षा और संस्कार की तालीम लेते हैं। इन बच्चों या इनके अभिभावकों को कभी भी स्कूलों में भेदभाव नजर नहीं आता। स्कूलों में मुस्लिम बच्चे, बच्चियां गीता पाठ करती हैं, गायत्री मंत्र भी पढ़ती हैं। शांति मंत्र पढ़ने के साथ-साथ सरस्वती पूजा में बढ़चढ़ कर भाग भी लेती हैं।
विद्या भारती के मंत्री एवं आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक राम अवतार नारसरिया कहते हैं, विद्या भारती की ओर से झारखंड में 255 सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, 501 सरस्वती शिक्षा केंद्र एवं 125 सरस्वती संस्कार केंद्र चल रहे हैं। इन स्कूलों में एक लाख 30 हजार बच्चे पढ़ते हैं। इनमें 2500 से अधिक मुस्लिम विद्यार्थी हैं। ईसाई बच्चों की संख्या भी काफी है। विद्या भारती के सभी स्कूलों में आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार एवं द्वितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिव राव गोलवरकर एवं अन्य महापुरुषों की तस्वीरें लगी हैं। इन महापुरुषों के बारे में यहां के विद्यार्थियों काे इतनी अच्छी जानकारी है अच्छे-अच्छे राष्ट्रवादी एक बार चौक जाते हैं।
हजारीबाग के सरस्वती विद्या मंदिर सिरका, अरगडा में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चे अपने शिक्षकों के साथ।
दैनिक जागरण की टीम हजारीबाग जिला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर पहुंची तो वहां मुस्लिम बच्चे-बच्चियां उन्मुक्त कंठ से धारा प्रवाह गायत्री मंत्र एवं शांति मंत्र का पाठ कर रहे थे। ऊं भूर्भुव: स्व: ... पूरा गायत्री मंत्र सबको कंठस्थ। शांति मंत्र भी मुंहजुबानी। यहां पढ़ने वाली गिद्दी बस्ती की कक्षा 10 की छात्रा साजिया एवं निशाद आफरीन कहती हैं, यहां पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार भी मिलता है। बताया जाता है कि सुबह उठकर माता-पिता को प्रणाम करना चाहिए। बड़ों की इज्जत करनी चाहिए। इन बच्चियों ने बताया कि आसपास कई सरकारी एवं निजी विद्यालय हैं, परंतु इस स्कूल में जो संस्कार दिया जाता है वह दूसरे स्कूलों में नहीं मिलता। साजिया के भाई, बहन ने तो इसी स्कूल से 10वीं पास भी कर ली है।
हजारीबाग जिला में ही स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, सिरका अरगडा में 30 मुस्लिम विद्यार्थी पढ़ते हैं। यहां सुबह सभी सरस्वती वंदना एवं गीता का पाठ करते हैं। छुट्टी के समय वंदे मातरम का गायन करते हैं। सरस्वती पूजा के साथ-साथ भारत मां की पूजा भी की जाती है। स्कूल में पढ़ रहीं आरसी निगार, फरहत जहां, जनीरा, आफरीन परवीन, रेहान अंसारी सहित कई विद्यार्थियों ने कहा कि यहां कभी नहीं लगा कि यहां हिंदू एवं मुस्लिम बच्चों में कोई भेद भाव होता है। सभी बच्चे एक साथ बैठकर खाते हैं। लड़कियों का कहना था कि यह स्कूल दूसरे स्कूलों की तुलना में काफी सुरक्षित लगता है। यहां जो संस्कार मिलता है वह सभी के जीवन में काफी जरूरी है।
यहां पढ़कर जिले में अव्वल आया फैज
विद्या भारती के विभाग निरीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि यहां बच्चों के साथ-साथ उनकी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया जाता है। 2016 में लोहरदगा के शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में पढऩे वाला फैज आलम 10वीं कक्षा में जिला टॉपर था। 2018 में इसी स्कूल के फारुख फिजा अंसारी 10वीं की परीक्षा में जिला में दूसरे स्थान पर रहा। इस स्कूल में 100 से अधिक मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं। इसी तरह गढ़वा के नगर उंटारी विद्या मंदिर में 123, भवनाथपुर में 93 एवं लातेहार बाजार स्थित विद्या मंदिर में 80 मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई स्कूलों में तो वंदना प्रमुख मुस्लिम बच्चों को ही बनाया गया है। बोकारो जिला के सारम स्थित स्कूल में तो कमिटी के अध्यक्ष मुस्लिम ही हैं। वे किसी हिंदू से ज्यादा शिशु मंदिर के समर्थक हैं।