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अपहृत छात्र हुआ मुक्त, चंदन सोनार का शागिर्द कालू लामा समेत दो धराए

रांची : योगदा सत्संग कॉलेज में इंटर की पढ़ाई करने वाले अपहृत छात्र युवराज सिंह अपहरण मामले

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 08:37 AM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 08:37 AM (IST)
अपहृत छात्र हुआ मुक्त, चंदन सोनार का शागिर्द कालू लामा समेत दो धराए
अपहृत छात्र हुआ मुक्त, चंदन सोनार का शागिर्द कालू लामा समेत दो धराए

रांची : योगदा सत्संग कॉलेज में इंटर की पढ़ाई करने वाले अपहृत छात्र युवराज सिंह अपहरण मामले में रांची पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने अंतर्राज्यीय स्तर पर अपहरण का धंधा चलाने वाले चंदन सोनार गिरोह के शागिर्द कालू लामा के चंगुल से युवराज सिंह को मुक्त करा लिया है। कालू लामा और अजीत सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया है। अजीत सिंह को पुलिस ने पहले दबोचा था। उसकी ही निशानदेही पर पुलिस को कालू लामा को पकड़ने और छात्र को मुक्त कराने में सफलता हाथ लगी। फिलहाल पुलिस हाजीपुर में ही अपहर्ताओं से पूछताछ कर रही है। अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। बताते चलें कि कालू लामा ने युवराज को छोड़ने के एवज में 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। सूत्रों के अनुसार छात्र युवराज पहले अजीत के चंगुल में था। रांची पुलिस की दबिश को देखते हुए अजीत के पास से युवराज को हटाकर हाजीपुर में ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। हालांकि अजीत की निशानदेही पर छात्र को मुक्त करा लिया गया। रांची पुलिस संभवत: रविवार को छात्र व अपहर्ताओं को लेकर रांची वापसी के लिए रवाना होगी। खुद अपहरण की रची थी साजिश :

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बता दें कि युवराज ने अपहरण की साजिश खुद रची थी। इसमें उसके दोस्त दोस्त शंकर तिवारी, प्रतीक तिवारी, अर्जुन सिंह चंद्रवंशी और कासी राय की भूमिका थी। इनमें सभी को जेल भेज दिया गया था। छात्र युवराज ने दोस्त शंकर तिवारी संग मिलकर कहानी रची थी। लेकिन शंकर का मौसेरा भाई चंदन सोनार के गुर्गो के संपर्क में था। इस वजह से उसकी साजिश हकीकत में बदल गई। युवराज चतरा के हंटरगंज का रहने वाला है। वर्तमान में लालपुर के नगड़ा टोली स्थित शंकर लॉज में रहता था। युवराज पढ़ाई के अलावा क्रिकेट की ट्रेनिंग कर रहा है। क्रिकेट कोचिंग के दौरान ही युवराज की दोस्ती शंकर से हुई थी। वह बीते 26 अगस्त से गायब है। कुछ दिनों की आंख मिचौली के बाद चंदन सोनार गिरोह के गुर्गो के चंगुल में फंस गया। युवराज अपने दादा के रिटायरमेंट का पैसा निकालने के चक्कर में फंस गया था। अप्रैल में रची गई थी अपहरण की कहानी :

युवराज के अपहरण की कहानी अप्रैल में रची गई थी। अपहरण के लिए युवराज के दोस्त शंकर ने अपने मौसेरे भाई प्रतीक तिवारी को भी शामिल किया था। प्रतीक हाल के दिनों में कुख्यात अपराधी चंदन सोनार गैंग के लिए काम करता है। इससे पूर्व छात्र युवराज ने दादा को रिटायरमेंट के बाद मोटी रकम मिलने की जानकारी दोस्त शंकर से शेयर की थी। इसके बाद शंकर तिवारी ने भाई प्रतीक संग मिलकर अपहरण की कहानी बनाई थी।


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