राज्यभर की दवा दुकानें रहीं बंद, मरीज-परिजन पर आई अाफत
फार्मासिस्टों का निबंधन रद करने के खिलाफ इंदौर, पटना व दिल्ली से दवाओं की आपूर्ति ठप रही।
रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन द्वारा बुलाई गई बंदी के बाद शुक्रवार को राज्य की 18 हजार दवा दुकानें बंद रहीं। जिसमें राजधानी की 1700 दवा दुकानें शामिल रहीं। वहीं एसोसिएशन के महासचिव अमर सिन्हा के मुताबिक इस एक दिवसीय बंदी के कारण राज्य में 500 करोड़ रूपये का दवा व्यापार पूरी तरह चौपट रहा।
इसके अलावा दवा स्टॉकिस्ट राजेश कुमार के मुताबिक बंदी के कारण इंदौर, पटना और दिल्ली से की जाने वाली दवाओं की आपूर्ति ठप रही। जहां सामान्य दिन में राजधानी के एक स्टॉकिस्ट को दो ट्रक दवा की आपूर्ति की जाती है। वहीं शुक्रवार को एक ट्रक की भी आपूर्ति नहीं की गई।
ज्ञात हो कि झारखंड फार्मेसी काउंसिल द्वारा बिहार फार्मेसी काउंसिल से निबंधित कार्यरत फार्मासिस्टों का निबंधन समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। जिसके विरोध में झारखंड ड्रग्स एंड एसोसिएशन ने शुक्रवार को एकदिवसीय बंदी की।
वहीं एसोसिएशन के महासचिव अमर सिन्हा ने एक दिवसीय बंद पर कहा कि बंदी के बावजूद भी लोगों को लाइफ सेविंग दवाईयां दी गई। वहीं दवा स्टॉकिस्ट राजेश ने बताया कि एक दिवसीय बंदी से सभी प्रभावित रहे। लोगों को छोटी-मोटी दवाओं के लिए भी परेशान होना पड़ा।