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राष्ट्रवादी चिंतकों-विचारकों का चार दिवसीय महाकुंभ कल से

रांची : दो वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से आरंभ हुई राष्ट्रवादी चिंतकों-साधकों की यात्रा

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 09:27 AM (IST)
राष्ट्रवादी चिंतकों-विचारकों का चार दिवसीय महाकुंभ कल से
राष्ट्रवादी चिंतकों-विचारकों का चार दिवसीय महाकुंभ कल से

रांची : दो वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से आरंभ हुई राष्ट्रवादी चिंतकों-साधकों की यात्रा का दूसरा पड़ाव भगवान बिरसा मुंडा की धरती झारखंड है। यहां लोकमंथन के द्वितीय अध्याय का शुभारंभ गुरुवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे। चार दिनों के इस सारस्वत समारोह में चित्रकारों, मूर्तिकारों, नर्तकों और संगीतकारों का भी जमावड़ा खेलगांव में होगा जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विधा से परिचित कराएंगे।

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मंगलवार को सूचना भवन सभागार में प्रेस कांफ्रेंस में पर्यटनमंत्री अमर कुमार बाउरी ने कार्यक्रम की रूपरेखा से परिचित कराया तो प्रज्ञा प्रवाह के दीपक शर्मा ने सिलसिलेवार इस बौद्धिक आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आयोजन की उपलब्धि मानी जाएगी कि देशभर के चुनिंदा 48 विश्वविद्यालयों के 3500 नए विद्यार्थियों ने इस वर्ष कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। यह इस बात का द्योतक है कि राष्ट्र सर्वोपरि की विचारधारा व्यापक हो रही है। एक ओर पूंजीवाद ने अपसंस्कृति को जन्म दिया। इससे विकृति फैली और छुटकारा पाने को पूरा विश्व बेचैन होकर भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से निहार रहा है। दूसरी तरफ साम्यवाद दम तोड़ रहा है, अंतिम सांसें गिन रहा है। आजादी के 65-70 साल तक हमारी मानसिकता औपनिवेशिक गुलामी की रही। इससे युवा बाहर निकल रहा है। लोकमंथन के दौरान चर्चा का बिंदु भारतबोध होगा। इसका लक्ष्य कला से लेकर पर्यावरण तक विभिन्न विषयों पर बहुस्तरीय चर्चा का मंच उपलब्ध कराना है। इस दौरान भारत के जन-गण-मन पर विचार होगा। चिंतन होगा कि भारत का विचार क्या है, राष्ट्र और समाज की हमारी अवधारणा क्या है। भारत का मानस क्या था, यह क्या होगा और किस दिशा में जाएगा? लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन 30 सिंतबर को समारोह का समापन करेंगी।

आज प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे स्पीकर

खेलगांव में होने वाले इस आयोजन के आकर्षण का बड़ा केंद्र प्रदर्शनी भी होगी। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव इसका उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर पदमश्री अशोक भगत और सिमोन उरांव भी मौजूद रहेंगे। गुरुवार को उद्घाटन समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास भी मौजूद रहेंगे। उद्घाटन समारोह का स्वागत उद्बोधन केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नंदकुमार इंदू करेंगे जबकि कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंदकुमार करेंगे।

विचार सत्र की शुरूआत करेंगे ह्रदयनारायण दीक्षित

कार्यक्रम के विचार सत्र की शुरूआत उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक ह्रदयनारायण दीक्षित करेंगे। गुरुवार को शाम साढ़े छह बजे सत्र की शुरूआत होगी। इसके बाद विविध विषयों पर धर्मपाल, प्रो. रामेश्वर मिश्र 'पंकज', रवींद्र गुरुजी, आशीष कुमार गुप्ता, अमृतलाल वेगड़, प्रशांत पोल वक्तव्य देंगे।

ऋचाओं को संगीतबद्ध किया है बैंड ने

पहले दिन के विचार सत्र की समाप्ति संस्कृति संगीत ध्रुवा बैंड से होगी। इसका निर्देशन डा. संजय द्विवेदी ने किया है। बैंड आद्य शंकराचार्य द्वारा रचित वैदिक ऋचाओं को लयबद्ध कर प्रस्तुत करेगा।

इनकी मौजूदगी रहेगी सत्रों में

गिरीश प्रभुणे, डा. विनय सहस्त्रबुद्धे, पी कनगसभापति, मनोज श्रीवास्तव, डा. कौशल पंवार, बाबा सत्यनारायण मौर्य, हर्षित जैन, गौरी प्रिया, सुदीप्तो सेन, आलोक पुराणिक, पदमश्री अशोक भगत, अर्जुन मुंडा, राकेश मिश्र, डा. अनिर्बान गांगुली, रंगा हरि, डा. कपिल तिवारी, जयंत सिन्हा, माधवराव चिंतले, पदमविभूषण सोनल मानसिंह।

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