राज्य के पर्यटन क्षेत्रों को एक्सप्लोर करने की जरूरत : बाउरी
रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड की वादियां बो¨रग नहीं, बल्कि रोमांचक हैं। केरल एक वाटर फॉल की ब्रांडिंग कर रहा है, जबकि हमारे यहां दर्जनों वाटर फॉल हैं। हमें पर्यटन क्षेत्रों को एक्सप्लोर करने की जरूरत है। इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है।
रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड की वादियां बो¨रग नहीं, बल्कि रोमांचक हैं। केरल एक वाटर फॉल की ब्रांडिंग कर रहा है, जबकि हमारे यहां दर्जनों वाटर फॉल हैं। हमें पर्यटन क्षेत्रों को एक्सप्लोर करने की जरूरत है। इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। विदेश में लोग अपने देश की बुराई को ढंकने का काम करते हैं। हमें भी अपने राज्य की अच्छाई के साथ-साथ यहां के पर्यटन स्थलों को बेहतर बताने की आवश्यकता है। जिस दिन हम अच्छा बोलने लगेंगे उस दिन खुद ही ब्रांडिंग हो जाएगी। ये बातें पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने कही। वे मंगलवार को पर्यटन पर्व के शुभारंभ के अवसर पर मंगलवार को होटल बिरसा विहार में आयोजित उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर काफी जोर दिया है। जीडीपी के रूप में पर्यटन बड़ा सपोर्ट कर सकता है। झारखंड सरकार ने भी पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर काफी जोर दिया है। अविभाजित बिहार के समय झारखंड में मात्र 10 होटल थे, जबकि आज यह आंकड़ा 25 तक पहुंच गया है। बाबाधाम को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में विकसित किया गया है। इस वर्ष सावन माह में 40-45 लाख लोगों ने बाबाधाम में जलाभिषेक किया। इतनी भारी भीड़ के बाद भी किसी प्रकार की दुर्घटना नहीं घटी।
इस अवसर पर जेटीडीसी के डिप्टी जीएम आलोक प्रसाद ने झारखंड के पर्यटन स्थलों में उपलब्ध होटल व होटल में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर पर्यटन विभाग के निदेशक व अधिकारी विद्यानंद शर्मा पंकज समेत होटल मैनेजमेंट संस्थान के कई छात्र भी उपस्थित थे।
पारसनाथ व इटखोरी भी हो रहा विकसित : पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि इटखोरी बौद्ध स्थल है। जबकि कौलेश्वरी धाम पर बौद्ध मुंडन कराते हैं। ज्ञान की प्राप्ति के लिए गौतम बुद्ध ने इटखोरी से ही बोधगया की यात्रा शुरू की थी। इस लिहाज से हमें भी कुछ ऐसा करने की जरूरत है कि बोधगया आने वाले पर्यटक इटखोरी तक आएं। इसी प्रकार जैन धर्मावलंबियों के लिए पारसनाथ प्रमुख तीर्थ स्थल है। पर्यटकों के लिए इन क्षेत्रों को भी विकसित किया जा रहा है।
खेलगांव में आयोजित होगा लोक मंथन कार्यक्रम : पर्यटन सचिव मनीष रंजन ने कहा कि इस वर्ष 16 से 27 सितंबर तक पर्यटन पर्व मनाया जा रहा है। बच्चों के लिए 27 से 30 सितंबर तक खेलगांव में लोक मंथन कार्यक्रम होगा। इसमें उप राष्ट्रपति व लोक सभा अध्यक्ष भी शामिल होंगे। अक्टूबर माह में फूड फेस्टिवल होगा, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों समेत झारखंडी व्यंजनों का जायका भी होगा। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से ईको-टूरिज्म प्रोजेक्ट भी लाया जा रहा है।
एक अक्टूबर से शुरू होगा शरद उत्सव : झारखंड पर्यटन विकास निगम के महाप्रंबधक राजीव रंजन ने कहा कि नेतरहाट में एक अक्टूबर से शरद उत्सव-2018 शुरू होगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष 20 स्विस कॉटेज बनाए गए थे। इस बार छात्रों को रियायत दर पर कॉटेज की सुविधा उपलब्ध करने के लिए डोरमेट्री टेंट का निर्माण कराया जाएगा। स्विस टेंट 2450 रुपये की दर पर उपलब्ध होगा। शरद उत्सव के दौरान कल्चरल परफॉर्मेस, नृत्य कला, झारखंडी खाना व वाटर स्पोटर््स का भी आयोजन होगा।
पीपीपी मोड पर विकसित होंगे तीन डैम : कंसल्टेंट सुप्रतीक सरकार ने बताया कि पीपीपी मोड के तहत झारखंड के तिलैया डैम, मैथन डैम व कांके डैम को विकसित करने की योजना तैयार की गई है। टूरिस्ट कॉम्पलेक्स उरवा (तिलैया डैम) को भी पीपीपी मोड के तहत 15 करोड़ की लागत से विकसित करने की योजना तैयार की गई है। जबकि मैथन टूरिस्ट कॉम्पलेक्स को सात करोड़ की लागत से एक रिसोर्ट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। 3.5 एकड़ में फैले कांके डैम पर्यटन क्षेत्र को तीन करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा। यहां ओपेन जिम, पैडल बोटिंग, फूड कोर्ट, 7डी शो, 11डी शो इत्यादि मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध होगी।