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जर्जर भवन और तंबू गाड़कर चल रहा नगड़ी थाना

रांची/नगड़ी : राज्य पुलिस स्मार्ट पुलिसिंग के दावे करती है। लेकिन रांची के थानों की बदहाली

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:49 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:49 AM (IST)
जर्जर भवन और तंबू गाड़कर चल रहा नगड़ी थाना
जर्जर भवन और तंबू गाड़कर चल रहा नगड़ी थाना

रांची/नगड़ी : राज्य पुलिस स्मार्ट पुलिसिंग के दावे करती है। लेकिन रांची के थानों की बदहाली दावे को खोखला साबित कर रही है। पुलिस मुख्यालय और जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर के दायरे पर स्थित नगड़ी थाना जर्जर भवन और तंबू गाड़कर चल रहा है। दीवारें भरभराकर गिरने लगी हैं। छत के हर कोने से पानी टपक रहा है। तेज बारिश हो तो पूरा थाना तालाब बन जाता है। थाना का सिरिस्ता, थाना प्रभारी कक्ष और हाजत एक ही हॉल में है। हाजत में दो से अधिक अपराधी को रखा जाए, तो दम घुंटकर मौत हो जाए। सिरिस्ता ही मालखाना है, पानी टपकने से कागज भी सड़ने लगा है। दीवारों में उलझे तार लगे हैं। बारिश में दीवारों पर बिजली की करंट भी दौड़ता है। जो हमेशा बड़े हादसे को दावत दे रहा है। भवन की हालत ऐसी कि कभी भी भरभराकर पूरा भवन गिर जाए। अगर बात करें थाने में रहने वाले दारोगा, जमादार और जवानों की तो वे तंबू गाड़कर रहने को मजबूर हैं। कुछ पदाधिकारी जर्जर भवन में ही दीवारों और छतों पर प्लास्टिक लगाकर सोते हैं। उनके हथियार भी तंबू और जर्जर भवन में ही रखे हैं।

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शौचालय देख आती है उल्टी, पीने का पानी भी गंदा :

थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों के लिए एक शौचालय तो है। इसका किसी तरह इस्तेमाल करते हैं। वहां जाने पर उलटी आती है। मजबूरी में कई बार खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। वहां एक ही चापानल है। जिसका पानी पीने लायक नहीं है। वहां पानी के लिए फिल्टर तो लगा दिया, लेकिन पलंबिंग नहीं होने से कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा। जबकि इस थाने में तीन दारोगा, चार जमादार, दो हवलदार, 20 सिपाही रहते हैं।

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13 पंचायत , 44 गांव, एक लाख आबादी :

थाना 13 पंचायत के 44 गांव की करीब एक लाख की आबादी को सुरक्षा देता है। लेकिन थाने के पुलिसकर्मी खुद असुरक्षित हैं। आधा इलाका उग्रवाद प्रभावित है। बड़े अपराधियों का भी गढ़ है। इस थाना क्षेत्र अंतरर्गत चेटे, नचियातू, पलांडू, खूंटा, बड़का खूंटा, हरही कुंबाटोली और कतरपा उग्रवाद प्रभावित इलाका है। 13 पंचायतों में नगड़ी, देवरी, एड़चोरो, साहेर, उत्तरी टुंडुल, दक्षिणी टुंडुल, चेटे, लालगुटुवा, कुदलौग, बालालौंग, चिपरा, सपारोम, नारवे पंचायत आता है। इनमें कई इलाका संवेदनशील है।

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सालों से है यही स्थिति, अब गिरने का इंतजार :

थाने की हालत सालों से जर्जर है। अब गिरने का इंतजार है। नगड़ी थाना रातू थाना के ओपी के रूप 4 दिसंबर 2005 को बनाया गया था। थाना भवन स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य केंद्र हुआ करता था। थाने में जब्त वाहन या वाहनों के खड़ा करने के लिए जगह तक नहीं है। सामने एक निजी जमीन है। जिसपर जब्त वाहन खड़े हैं। इस थाने में अबतक 12 थानेदार बदल गए। कई ने वरीय अधिकारियों से शिकायत भी की। लेकिन दुरुस्त करने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ।


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