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2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भी टॉप पर हो झारखंड : रघुवर

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के स्थानीय शहरी निकायों को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में पूरे देश में अब्बल आने का टास्क सौंपा है। इससे स्पष्ट है कि सीएम स्वच्छता की प्रतिशेगिता में राज्य को टॉप पर रखना चाहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 09:14 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 09:14 AM (IST)
2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भी टॉप पर हो झारखंड : रघुवर

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के स्थानीय शहरी निकायों को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में पूरे देश में अव्वल आने का टास्क सौंपा है। उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 से लेकर 2018 के बीच स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड के बढ़ते कदम की सराहना की है तथा इसे आगे भी बरकरार रखने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा केंद्र ने दो अक्टूबर 2019 तक पूरे देश को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य रखा था। झारखंड के शहर दो वर्ष पूर्व ही ओडीएफ हो चुके हैं। झारखंड सरकार ने इस वर्ष दो अक्टूबर को पूरे राज्य को ओडीएफ के पैमाने पर लाने का प्रण लिया है। बाद के एक वर्ष की अवधि में राज्य में लाखों की तादाद में बनाए गए शौचालयों की साफ-सफाई, जल प्रबंधन तथा उसके उपयोग पर फोकस किया जाएगा। वे मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन के सभागार में स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की तैयारियों को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 17 शहरी स्थानीय निकायों को पुरस्कृत किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी का स्वच्छ भारत का सपना आजादी के 67 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ। इस बीच कितनी सरकारें आई और गई। इससे इतर बीते चार वर्षो में इस क्षेत्र में क्रांति आई है। लोग इस मामले में काफी जागरूक हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि गंदगी बीमारी की जड़ है। गंदगी के कारण देश का हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य पर 6500 रुपये सालाना खर्च करता है। उन्होंने अफसरों को नसीहत दी कि वे खानापूर्ति के लिए नौकरी न करें, देश का नागरिक होने का कर्तव्य निभाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने सफाईकमियों को सिर पर बिठाया था। वे समाज के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने 18 सितंबर को सफाईकर्मियों के साथ बैठक करने तथा उन्हें हर स्तर पर प्रोत्साहित करने का निर्देश अफसरों को दिया। उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजधानी रांची में वार्डवार समिति बनाई जाएगी, यहां शहरी निकाय स्तर पर जारी होने वाले विभिन्न तरह के प्रमाणपत्र दिए जाएंगे, ताकि शहरवासियों को बेवजह निकायों का चक्कर न लगाना पड़े। इसके बाद इसे अन्य शहरों में प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि निकायों को भ्रष्टाचारमुक्त बनाना है।

नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इस दौरान चीन और इंदौर यात्रा का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आम लोगों की जागरूकता से वहां गंदगी का नामोनिशान नहीं मिलेगा। यही वजह है कि इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार पहले पायदान पर बना है। आज तक किसी भी सरकार का ध्यान स्वच्छता की ओर नहीं गया। शहरवासी अगर टैक्स देते हैं तो उन्हें निकायों से उसी के अनुरूप अपेक्षा भी रहती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर देश के अन्य शहर साफ रह सकते हैं तो राजधानी क्यों नहीं? उन्होंने कहा स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में जब झारखंड को बेस्ट परफार्मर और राजधानी रांची को सिटीजन फीडबैक का पुरस्कार मिला तो सहसा विश्वास नहीं हुआ। नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह और शहरी विकास मंत्रालय के सीनियर एडवाइजर रमाकांत, रांची की मेयर आशा लकड़ा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।

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इनसेट ::

17 शहरी स्थानीय निकायों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत

मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चास, चाईबासा, फुसरो, चिरकुंडा, गिरिडीह, झुमरीतिलैया, खूंटी, गोड्डा, गुमला, जमशेदपुर, जामताड़ा, लोहरदगा, मानगो, मझिआंव, मेदिनीनगर, विश्रामपुर और पाकुड़ शामिल है। इन शहरों ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने संबंधित शहरों की मौजूदा स्थिति जानने के लिए फिर से सर्वेक्षण किया था, जो ओडीएफ के निर्धारित मानकों पर खरा उतरा। मुख्यमंत्री ने संबंधित निकायों को स्वच्छता का प्रमाणपत्र सौंपा।

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जनवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण 2019, 5000 अंकों की परीक्षा :

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की शरुआत जनवरी के पहले सप्ताह से होगी। 2018 के सर्वेक्षण में विभिन्न सेक्टरों में पूछे गए सवाल के लिए 4000 अंक निर्धारित किए गए थे, वहीं 2019 में 5000 अंकों पर शहरों की स्वच्छता परखी जाएगी। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम सिटीजन फीडबैक, ओडीएफ की स्थिति तथा शहरों का भ्रमण कर सफाई का मुआयना करेगी।

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15 से स्वच्छता ही सेवा का अभियान, दिखाई जाएगी फिल्म :

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस दौरान 15 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलने वाले अभियान स्वच्छता ही सेवा है, की ओर जन प्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी विधिवत शुरुआत करेंगे। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों और आम जनता को इस अभियान से जुड़ने तथा हर दिन एक घंटे का समय सफाई कार्य में लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह 17 से 25 सितंबर तक सेवा दिवस का आयोजन होगा। इसके तहत स्लम क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। साथ ही प्रधानमंत्री की जीवनी पर आधारित फिल्म 'चलो जीते हैं देश के लिए' दिखाई जाएगी।

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