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साक्ष्य के अभाव में बरी हुए मंत्री सरयू राय

न्यायिक दंडाधिकारी कुमार विपुल की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में मंत्री सरयू राय व व्यवसाय।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 08:14 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:14 AM (IST)
साक्ष्य के अभाव में बरी हुए मंत्री सरयू राय
साक्ष्य के अभाव में बरी हुए मंत्री सरयू राय

रांची।

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न्यायिक दंडाधिकारी कुमार विपुल की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में मंत्री सरयू राय व व्यवसायी समीर लोहिया को बरी कर दिया। यह मामला तोड़फोड़, मारपीट और गाली गलौज से संबंधित था।

सात मार्च 2010 को सरयू राय ने राची के स्टेशन रोड स्थित होटल ग्रीन होराइजन में प्रेसवार्ता बुलाई थी। इस प्रेसवार्ता में शौभिक चट्टोपाध्याय नाम का व्यक्ति भी पहुंचा था, जबकि वह किसी प्रेस से नहीं था। उसने एक वीडियो क्लिप को दिखाया, जिसे देख सरयू राय भड़क गए थे। इसके बाद वह वहा से निकल भागा। उसी दिन कार से जा रहे शौभिक को 2 लोगों ने मोटरसाइकिल से पीछा कर रोका था और उसकी गाड़ी में तोड़फोड़ कर मारपीट कर गाली गलौज भी किया था। अधिवक्ता रणविजय सिंह ने बताया कि प्राथमिकी में आरोप है कि इस मामले में अभिषेक और सतीश पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने अदालत में तीन लोगों पर चार्जशीट दायर की थी। इसमें सरयू राय, समीर लोहिया और राकेश पाडेय को अभियुक्त बनाया था। इसमें राकेश पाडेय का कोई पता नहीं चला। प्राथमिकी अभियुक्त अभिषेक और सतीश मामले में ट्रायल फेस नहीं कर रहे थे। मामले में सरयू राय और समीर लोहिया ट्रायल फेस कर रहे थे।

साजिश के तहत खुद पर करवाया था हमला

मंत्री सरयू राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि मामला दर्ज कराने वाले शौभिक चट्टोपाध्याय ने प्रायोजित साजिश के तहत खुद पर हमला करवा मुकदमा दर्ज करवा दिया था। इसके बाद चुटिया पुलिस से गिरफ्तारी की मांग की थी। इसके बाद चुटिया पुलिस ने गलत तरीके से मंत्री सरयू राय और समीर लोहिया के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी थी। लेकिन कोर्ट में न तो कभी शौभिक पहुंचा न उनके गवाह पहुंचे। अंत में मामला झूठा साबित हुआ और मुझे बाइज्जत बरी कर दिया गया।

घोटाला पर्दाफाश करने की वजह से फंसाया : सरयू

सरयू राय ने बरी होने के बाद कहा कि मुकदमा दर्ज कराने के समय मधु कोड़ा की सरकार थी। उस समय एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने की वजह से उनपर झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर फंसाने की साजिश रची गई।

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