Move to Jagran APP

कारगिल नायक के आगमन पर शहर ने दी सलामी

रांची : परमवीर चक्र विजेता नायब सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव का दैनिक जागरण की ओर से स्वागत

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 06:18 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 06:18 AM (IST)
कारगिल नायक के आगमन पर शहर ने दी सलामी

रांची : परमवीर चक्र विजेता नायब सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव का दैनिक जागरण की ओर से स्वागत किया गया। बूटी मोड़ स्थित वार मेमोरियल में जागरण बागबान क्लब के सदस्यों ने पुष्पगुच्छ दे कर उन्हें सम्मानित किया। मौके पर मेजर ने शहीद वीरों को श्रद्धांजलि दी और उन्हें नमन किया। वार मेमोरियल के म्यूजियम का भ्रमण करते हुए उन्होंने झारखंड के वीर गाथाओं की जानकारी ली और यहां के इतिहास के बारे में भी जाना। उन्होंने कहा कि झारखंड वीर सपूतों की भूमि है और वे भाग्यशाली है कि उन्हें यहां के पावन के मिट्टी को चूमने का मौका मिला।

loksabha election banner

अभिनंदन समारोह के मौके पर भारत माता की जय के नारे लगे और बारी-बारी से लोगों ने उन्हें फूलों की माला पहनाई। लोग उन्हें छोड़ने बूटी मोड़ तक आए जहां अखिल भारत ¨हदू महासभा के सदस्यों ने उन्हें सम्मानित किया। मेजर ने स्वागत समारोह के लिए दैनिक जागरण और सभी लोगों को धन्यवाद किया। --------------------

राज्यपाल से मिले मेजर योगेंद्र -

नायब सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिले। राज्यपाल ने उन्हें मेमेंटो और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि देश को ऐसे वीर सपूतों की जरूरत है। इनकी बहादुरी और जांबाजी पर हमें गर्व है। मेजर ने राज्यपाल से मिलने पर अपनी खुशी जाहिर की।

--

बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण -

रविवार को बरेली के सपूत ने झारखंड के वीर बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बिरसा मुंडा की कुर्बानी और देश के लिए उनके अहम योगदान पर मेजर ने उन्हें नमन किया। मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों ने मेजर को माला पहना कर झारखंड की धरती पर उनका स्वागत किया। इन्होंने भी किया सम्मानित -

- झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा प्रेस क्लब में

- परमवीर अब्दुल हमीद मेमोरियल कमेटी द्वारा प्रेस क्लब में।

- अखिल भारत ¨हदू परिषद द्वारा बूटी मोड़ में।

तीन गोलियां खाकर भी जारी रखी थी जंग

जागरण संवाददाता, रांची :

कारगिल युद्ध की बात जब भी आती है, भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हो भी क्यों ना, देश के सपूतों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर बड़े शान से कारगिल पर विजय पताका लहराया था। गौरव गाथा तो कई है, लेकिन कारगिल की ठंड में 22 दिनों की जंग की दास्तान निश्चय ही रोंगटे खड़े कर देने वाला है। यह मौका कभी-कभी ही आता है जब युद्ध के अनकहे पहलुओं को सुनने का मौका मिले और क्या मंजर होगा जब दास्तान सुनाने वाला खुद कारगिल विजय के लिए परमवीर चक्र विजेता हो। परमवीर नायब सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव ने रविवार को प्रेस क्लब में कारगिल युद्ध से जुड़ी कई बातों को लोगों से साझा किया। वे बरेली से बोकारो होते हुए रांची आए। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद सहित अन्य कई सामाजिक संगठनों ने उन्हें सम्मानित किया। प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह और महा सचिव शंभूनाथ चौधरी ने उन्हें मोमेंटो और पुष्पगुच्छ दे कर स्वागत किया।

नायब सूबेदार 16 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे। पिता किसान थे। उनकी मेहनत और लोगों के प्रति सेवा भाव ने योगेंद्र सिंह को सेना में भर्ती होने का जज्बा दिया। कारगिल युद्ध के दौरान वे घातक बटालियन का हिस्सा बने और देश के गौरव में अपना योगदान दिया। युद्ध के दौरान उन्हें हाथ और पैर में कुल तीन गोलियां लगी थी जिसके बाद भी उन्होंने जंग जारी रखी थी। इस बीच उनके छह साथी शहीद हो चुके थे।

--

पहाड़ पर चढ़ाई के बीच पाकिस्तानी दाग रहे थे गोले -

मेजर योगेंद्र सिंह ने वीर गाथा बताते हुए कहा कि भारतीय टुकड़ी के सात जवान कारगिल हिल पर चढ़ाई करते हुए अपनी मंजिल से महज 50 मीटर दूर थे जब पाकिस्तानियों को इनकी हरकत का अंदाजा हुआ। अंधाधुंध फाय¨रग के बीच एक के बाद एक जवान शहीद हो गए। इस बीच मेजर योगेंद्र तीन गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गए। पाकिस्तानी सैनिक जब लौटने लगे तो मेजर ने हैंड-ग्रेनेट फेंक कर उन्हें चकमा दिया और लुढ़क कर अपने कैंप तक आने में सफल हुए। वहां जा कर उन्होंने अपनी टीम को घटना की जानकारी दी और भारतीय सेना ने कारगिल फतेह किया। उल्लेखनीय है कि मेजर योगेंद्र इसके बाद तीन दिनों तक बेहोश रहे थे।

--------------------

पत्थर फेंकने वाले गुमराह हैं पर अपने हैं -

कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए जेनरल योगेंद्र सिंह ने कहा कि जो पत्थर फेंकने वाले हैं वे गुमराह हैं पर बेशक अपने ही हैं। इसके पीछे कुछ खास लोग हैं और हमारी लड़ाई उन्हीं से है। उन्होंने कहा कि देश की सेना देश के नागरिकों की रक्षा के लिए है, उन्हें मारने के लिए नहीं। आगे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सोच मानवता के खिलाफ है। लड़ाई से कभी किसी का भला नहीं हो सकता।

--

आप भी हैं बिना वर्दी के सैनिक -

देश के लोगों खास कर युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम सब देश के सैनिक हैं। देश की सेवा के लिए जरूरी नहीं है कि आप सीमा पर ही तैनात हों। आप जिस भी क्षेत्र में हैं, अपने हिस्से का काम करते रहें। आपकी मेहनत की बदौलत अगर देश तरक्की की राह पर है तो आप किसी सैनिक से कम नहीं है। उन्होने कहा कि सकारात्मक सोंच के साथ देश का युवा आगे बढ़े।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.