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सीसीएल के 6000 कर्मचारी सामूहिक अवकाश आंदोलन पर, करोड़ों का नुकसान

सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र के सीसीएल कर्मी सामूहिक अवकाश आंदोलन पर हैं। इससे सीसीएल को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 12:10 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 05:12 PM (IST)
सीसीएल के 6000 कर्मचारी सामूहिक अवकाश आंदोलन पर, करोड़ों का नुकसान
सीसीएल के 6000 कर्मचारी सामूहिक अवकाश आंदोलन पर, करोड़ों का नुकसान

संसू भुरकुंडा, जेएनएन। संडे रेस्ट बंद करने के विरोध में रविवार को सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र के सीसीएल कर्मी सामूहिक अवकाश आंदोलन पर हैं। इससे सीसीएल को करोड़ों का नुकसान हुआ है। सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र के भुरकुंडा, सौन्दा डी, सेन्ट्रल सौन्दा, उरीमारी, बिरसा सयाल आदि परियोजनाओ में लगभग सभी कर्मी सामूहिक अवकाश आंदोलन पर हैं।

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जानकारी के अनुसार, सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र में छह हजार से ज्यादा कर्मी सामूहिक अवकाश पर हैं। आंदोलन के कारण पानी- बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ा है। जबकि कोलियरियो में कोयला उत्पादन ठप है। सभी भूमिगत खदानों के साथ- साथ खुली खदानों में भी कोयला उत्पादन ठप है। कोयला संप्रेषण भी प्रभावित है। पूरी तरह से चक्का जाम है। कोलियरियों की सड़कों पर सन्नाटा सा पसरा हुआ है। जबकि खदानों में वाहन खड़े हैं। कोलियरी कार्यालयों में उपस्थिति नहीं है।

भूमिगत खदान में कोयला उत्पादन ठप।

दूसरी ओर, सामूहिक अवकाश आंदोलन पर मौजूद सीसीएल कर्मियों में आक्रोश भी है। एकजुटता दिखाते हुए कोयला श्रमिकों का कहना है कि सरकार और सीसीएल प्रबंधन की मनमानी नही चलने दी जाएगी। सामूहिक अवकाश के बाद उग्र आंदोलन भी करना पड़े तो किया जाएगा। सामूहिक अवकाश आंदोलन में विभिन्न ट्रेड यूनियनें भी समर्थन में उतरी हुई हैं।यूनियन द्वारा आहूत सामूहिक अवकाश आंदोलन पर रविवार को कोयलांचल की विभिन्न खदानों के पास मीटिंग भी हुई।

यूनियन के लोगों ने मजदूरों के साथ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि सरकार और सीसीएल प्रबंधन मजदूरों के हक -अधिकारों का एक- एक कर हनन करना चाहती है। इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मजदूरों के साथ उनके हक- अधिकार की लड़ाई में हमेशा साथ हैं। संडे रेस्ट बंद करने के विरोध में सीसीएल कर्मियों का सामूहिक अवकाश आंदोलन तीनों पालियों के मजदूरों द्वारा किया जा रहा है। 


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