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झारखंड में छात्रों को चूना लगा रहे फर्जी ओपेन स्कूल, कानूनी कार्रवाई की तैयारी

फर्जी मान्यता के आधार पर संस्थान चलाने के आरोप में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने पिछले माह दोनों संस्थानों को शो-कॉज भी किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 06:56 PM (IST)
झारखंड में छात्रों को चूना लगा रहे फर्जी ओपेन स्कूल, कानूनी कार्रवाई की तैयारी
झारखंड में छात्रों को चूना लगा रहे फर्जी ओपेन स्कूल, कानूनी कार्रवाई की तैयारी

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में दो-दो फर्जी ओपेन स्कूल छात्रों को चूना लगा रहे हैं। साथ ही, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बाकायदा इनकी अपनी वेबसाइटें हैं। जिनके माध्यम से नामांकन से लेकर प्रमाणपत्र बेचने का कारोबार किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह कि दोनों के नाम झारखंड से शुरू होते हैं जिससे विद्यार्थियों को सरकारी या सरकार से मान्यता प्राप्त होने का भ्रम हो जाता है। ये स्वयं को केंद्र व राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त भी बता रहे हैं।

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झारखंड एकेडमिक ओपेन बोर्ड तथा झारखंड स्टेट ओपेन स्कूल के नाम से दो-दो फर्जी संस्थान धड़ल्ले से वेबसाइट के माध्यम से चल रहे हैं। फर्जी मान्यता के आधार पर संस्थान चलाने के आरोप में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने पिछले माह दोनों संस्थानों को शो-कॉज भी किया। दोनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। इसके बावजूद दोनों की वेबसाइटें अभी भी धड़ल्ले से चल रही हैं।

इधर, राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने दोनों संस्थानों के विरुद्ध रांची व बोकारो उपायुक्त से जांच कराई। दोनों जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दोनों संस्थानों की वैधानिक मान्यता नहीं होने की रिपोर्ट विभाग को सौंपी है। अब राज्य सरकार भी इन दोनों संस्थानों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

देते हैं मैट्रिक व इंटर का फर्जी प्रमाणपत्र

इन दोनों संस्थानों द्वारा मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट का फर्जी प्रमाणपत्र दिया जाता है। दोनों की वेबसाइटों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर प्रोस्पेक्टस डाउनलोड करने तक की सुविधा दी गई है। इस संस्थान का क्षेत्र पूरे भारत बताया गया है। मई में परीक्षा होती है, जबकि स्पेशल सेशन दिसंबर में होता है। बकायदा इसने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। वेबसाइट में झारखंड स्टेट ओपेन स्कूल को झारखंड सरकार में 2014 से ही निबंधित बताया जा रहा है। दोनों में एक का पता बोकारो तथा दूसरे का रांची बताया जा रहा है।

शिक्षा निदेशक ने किया अलर्ट

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने छात्र-छात्राओं को इन दोनों संस्थानों को लेकर अलर्ट किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में एकमात्र झारखंड एकेडमिक काउंसिल को मैट्रिक या इंटरमीडिएट की परीक्षाएं लेने तथा प्रमाणपत्र देने का अधिकार है। राज्य में किसी दूसरे संस्थान को इसके लिए मान्यता प्रदान नहीं की गई है। इन दोनों संस्थानों की वेबसाइटों पर सरकार से मान्यता प्राप्त बताया जा रहा है जो कि फर्जीवाड़ा है। इसलिए इन दोनों संस्थानों के प्रमाणपत्रों की मान्यता नहीं होगी। 


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