रांची में स्मार्ट सिटी के लिए जमीनी अध्ययन की जरूरत : मेयर
स्मार्ट सिटी के लिए बनाना होगा मास्टर प्लान
जागरण संवाददाता, रांची : रांची को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जमीनी अध्ययन करने की जरूरत है। संबंधित एजेंसी को मास्टर प्लान तैयार करना होगा, ताकि क्षेत्र आधारित विकास (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) की परिकल्पना साकार हो। इंदौर की तरह हमें भी अवार्ड मिल सके। ये बातें मेयर आशा लकड़ा ने कही। गुरुवार को रांची नगर निगम में स्मार्ट सिटी की योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट व डेलॉइट कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस अवसर पर कंपनी के प्रतिनिधियों ने उपस्थित लोगों से स्मार्ट सिटी की जरूरतों पर फीडबैक लिया। इस अवसर पर नगर निवेशक मनोज कुमार, नगर प्रबंधक संदीप कुमार, विकास कुमार, बिजेंद्र कुमार, नंदलाल बड़ाईक, कार्यालय अधीक्षक संदीप कर्ण, विद्युत शाखा प्रभारी नागेंद्र दुबे समेत कई उपस्थित थे।
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शिक्षा के निचले स्तर को करें मजबूत मेयर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत रांची को एजुकेशन हब बनाने के शिक्षा के सबसे निचले स्तर अर्थात प्ले स्कूल को मजबूत करने की जरूरत है। यदि निचले स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाए, तो उन्हें आगे चलकर करियर प्लानिंग में दिक्कत नहीं होगी। इस प्रकार की योजना तैयार करने से स्मार्ट सिटी में स्मार्टनेस आ जाएगा।
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बड़े शहरों की तर्ज पर मिले सुविधाएं उप नगर आयुक्त संजय कुमार ने कहा कि बड़े शहरों में लोगों को जो सुविधाएं मिल रही हैं वैसी सुविधाएं यहां के लोगों को भी मिल सके, ऐसी योजना तैयार करने की जरूरत है। कहा, नगर निगम ने पार्किग पॉलिसी तैयार कर लिया है। मेन रोड समेत अन्य सड़कों पर जल्द ही पार्किग पॉलिसी लागू की जाएगी। फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए वेंडर्स मार्केट का निर्माण कराया गया है। प्रथम चरण में छह सौ फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित किया जाएगा। खादगढ़ा में बस स्टैंड का निर्माण कराया गया है, जबकि सीवरेज-ड्रेनेज योजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण हो रहा है।
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इंटीग्रेटेड कंपोजिट प्लान तैयार हो
जलापूर्ति शाखा के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि शहरी क्षेत्र में सीवरेज-ड्रेनेज का इंटीग्रेटेड कंपोजिट प्लान तैयार होना चाहिए। फिलहाल यह व्यवस्था पार्ट-पार्ट में बिखरा हुआ है। नालियों के इनलेट व आउटलेट की व्यवस्था ही नहीं है। सड़क चौड़ीकरण का सुझाव देते हुए कहा कि सड़कों का थ्री लेन या फोरलेन की तर्ज पर हो। सड़क पर डिवाइडर भी हो। इल्क्ट्रिसिटी के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग की इंटीग्रेटेड कंपोजिट प्लानिंग हो।
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सबसे पहले ट्रैफिक की प्लानिंग हो
आर्किटेक्ट राजीव चढ्डा ने कहा कि इसके शहर के लिए सबसे पहले ट्रैफिक की प्लानिंग हो। उसके बाद ठोस कचरा प्रबंधन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। शहर के लिए नए अवसर के तहत स्पोर्टस यूनिवर्सिटी, इको टूरिज्म, रिन्यूएबल रिसोर्सेस, टूरिज्म, जॉब क्रिएशन, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, मानव संसाधन समेत फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का सुझाव दिया गया।
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अतिक्रमण मुक्त हो शहर
उप नगर आयुक्त ने कहा कि रांची अतिक्रमण मुक्त शहर के रूप में स्थापित हो। आर्किटेक्ट राजीव चढ्डा ने कहा कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम करने के लिए सरकारी जमीन की उपयोगिता हो। कहा, आरआरडीए के पूर्व अध्यक्ष एसके सत्पथी ने अपने कार्यकाल में सदर अस्पताल की चारदीवारी को 70 फीट पीछे कराया था। उसके बाद वहां 200 कार की पार्किग के लिए जगह मिली। डेली मार्केट की जमीन भी सरकारी है। वहां नीचले स्थल पर पार्किग का निर्माण कराकर उसके ऊपर कार्यालय आदि के लिए जगह उपलब्ध करायी जा सकती है।
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खत्म हो ट्रैफिक जाम की समस्या
कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि शहर को अतिक्रमण मुक्त किया जाए तो ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। इसी प्रकार पब्लिक टांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए तो लोग निजी कार का उपयोग कम से कम करेंगे।
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फिंगर प्वाइंट पर उपलब्ध हो सुविधाएं
नगर प्रबंधक सौरभ कुमार वर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत आम लोगों को मिलने वाली सुविधाएं फिंगर प्वाइंट पर उपलब्ध हो। आइटी बेस्ट तकनीक का इस्तेमाल हो।