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नियमावली के तहत अनुदान दे सरकार

- झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने विभिन्न मांगों को लेकर राजभवन के पास धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 08:55 PM (IST)
नियमावली के तहत अनुदान दे सरकार
नियमावली के तहत अनुदान दे सरकार

- झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा का राजभवन के पास महाधरना जागरण संवाददाता, रांची : नियमावली के अनुसार 2017-18 का अनुदान देने, स्कूल-कॉलेजों का अधिग्रहण/घाटानुदान देने, संस्कृत एवं मदरसा को दोगुना अनुदान देने सहित अन्य मांगों को लेकर झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने शिक्षक दिवस पर राजभवन के पास महाधरना दिया। महाधरना का नेतृत्व कर रहे डॉ. सुरेंद्र झा व रघुनाथ सिंह ने कहा कि 11 वर्षो से अनुदान नियमावली के अनुसार मिल रहा था। महंगाई को देखते हुए सरकार ने इसे दोगुना किया था, लेकिन इस वर्ष अनुदान की राशि आधी से भी कम हो गई। शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है। शिक्षाकर्मियों को हरिहर कुशवाहा, कादिर फजलूल अंसारी, अरविंद सिंह, डॉ. देवनाथ सिंह, विजय झा, बलदेव पांडेय, असफाक आलम, चंद्रशेखर ने भी संबोधित किया। हमारी सरकार बनी तो होगा अधिग्रहण

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धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों का राजभवन के पास बैठना दुखद है। सरकार सोई है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो इन संस्थानों का अधिग्रहण कर लिया जाएगा। पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि अनुदान देना उन्होंने शुरू किया था। कोई भी संस्थान बंद नहीं होने देंगे। यह है आंदोलन की रुपरेखा

-सात सितंबर को शिक्षक अपने-अपने स्कूल के पास शिक्षा सचिव का पुतला दहन करेंगे।

-17 सितंबर को अपने क्षेत्र के विधायक का घेराव।

- 19 सितंबर को अपने जिला के डीइओ कार्यालय का घेराव।

- 24, 25 व 26 सितंबर को प्रमंडलवार राजभवन के समक्ष धरना।

-दो अक्टूबर को सीएम आवास का घेराव व गिरफ्तारी देंगे। हटाएं शिक्षा सचिव को

मोर्चा ने शिक्षा सचिव एपी सिंह को हटाने की मांग की। कहा, वे रोज सरकार के प्रवक्ता के तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं। अधिनियम में कोई सुधार सदन कर सकता है, लेकिन एपी सिंह अनुदान नहीं देने की बात कर रहे हैं। वे शिक्षक विरोधी हैं। कहा, 200 स्कूल-कॉलेजों को बिना कारण अनुदान से वंचित कर दिया गया है।


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