राज्य सरकार अपने खजाने से देगी विवि शिक्षकों को बकाया राशि
- करीब 800 शिक्षकों को मिलेंगे दो-दो लाख - छठे वेतनमान की अंतर राशि भुगतान पर सहमति बन गई है।
- करीब 800 शिक्षकों को मिलेंगे दो-दो लाख
- छठे वेतनमान की अंतर राशि भुगतान पर सहमति जागरण संवाददाता, रांची : वर्ष 2008 में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा नियुक्त शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में नियुक्त सहित कुछ अन्य समायोजित करीब 800 शिक्षकों को छठे वेतनमान की अंतर राशि भुगतान करने पर सहमति दे दी है। उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने राज्य के सभी सातों विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है। पत्र में कहा है कि एक जनवरी 2006 के बाद नियुक्त सभी विवि शिक्षकों को एरियर मद में भुगतान की जाएगी। गौरतलब है कि वर्ष 2006 तक नियुक्त शिक्षकों को एरियर मद में राशि का भुगतान किया जा चुका है। इधर वर्ष 2008 में जेपीएससी से नियुक्त शिक्षक लंबे समय से एरियर मद में बकाए राशि के भुगतान की माग कर रहे थे। 31 मार्च 2010 तक के बकाए का भुगतान
सचिव के पत्र में कहा गया है कि विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति या समायोजन जनवरी 2006 के बाद हुआ है उन्हें जनवरी 2006 से 31 मार्च 2010 तक की अवधि के बकाए राशि का भुगतान राज्य सरकार की निधि किया जाएगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग से एक जनवरी 2006 के बाद नियुक्त शिक्षकों के एरियर भुगतान के संबंध में मार्गदर्शन मागा था। इस संबध में विभाग ने कहा कि जनवरी 2006 तक नियुक्त शिक्षकों को एरियर मद में राशि का भुगतान किया जाए। बकाए की गणना तालिका करें तैयार
सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति या समायोजन जनवरी 2006 के बाद हुआ है उनके लिए जनवरी 2006 से 31 मार्च 2010 के बकाए की गणना तालिका तैयार किया जाए एवं राशि का भुगतान विवि के पीएल खाता से किया जाए। साथ ही कहा है कि इस शिक्षकों को यदि पूर्व में केंद्रांश मद से कोई भुगतान किया गया है तो उस राशि का समायोजन करते हुए समायोजित राशि को केंद्रांश मद के कार्पस में जमा रखा जाए। गौरतलब है कि एरियर मद में एक शिक्षक को करीब 1.50 से 2 लाख रुपये मिलेंगे।