रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने फिर मरीज के परिजन को पीटा
मरीज को लेकर आने वाले व्यक्ति जल्दी इलाज करने की बात कह रहे थे। इसी बात पर डॉक्टर साहब को गुस्सा आ गया और परिजन की बेरहमी से पिटाई कर दी।
जागरण संवाददाता, रांची। चुटिया के अमरावती कॉलोनी के होटल संचालक अभिजीत कुमार को अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद रविवार रात इलाज के दौरान रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने उनके परिजनों से मारपीट की। घटना का वीडियो दिनभर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। डॉक्टरों द्वारा इलाज की बजाय दबंगई करने को लेकर उनका निंदा भी होती रही। रिम्स प्रबंधन ने पूरे मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया है।
बताया जाता है कि होटल संचालक को गोली मारे जाने के बाद रविवार देर रात परिजन उन्हें लेकर रिम्स के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे। इलाज में देर हुई तो परिजनों ने डॉक्टरों से आग्रह किया। इसके बाद भी इलाज शुरू नहीं हुआ तो परिजन नाराज हुए। इस बीच परिजनों व चिकित्सक के बीच बहस शुरू हो गई और चिकित्सक ने परिजन की पिटाई कर दी। घटना के वक्त वार्ड में जूनियर डॉक्टर ही ड्यूटी पर थे। मरीज को लेकर आने वाले व्यक्ति जल्दी इलाज करने की बात कह रहे थे। इसी बात पर डॉक्टर साहब को गुस्सा आ गया और परिजन की बेरहमी से पिटाई कर दी।
डॉक्टर ने उस व्यक्ति को पीटते-पीटते रिम्स से बाहर भी निकाल दिया। पिटाई के दौरान जूनियर डॉक्टर ने अपशब्द का भी इस्तेमाल किया। कहा, व्यक्ति को इलाज के लिए रिम्स लेकर क्यों आया? कहीं और ले जाते। रिम्स के गार्ड और डॉक्टर सभी मिलकर उस व्यक्ति को पीटने पर उतारू थे। उस व्यक्ति ने सिर्फ इतना ही कहा था कि डॉक्टर साहब आप इलाज जल्दी कीजिए।
रिम्स प्रबंधन ने भी की निंदा
इस घटना की रिम्स प्रबंधन ने भी भर्त्सना की है। कहा, चिकित्सक को परिजन पर किसी भी हाल में हाथ नहीं छोड़ना नहीं चाहिए था। प्रबंधन ने इसे देखते हुए अधीक्षक की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है, जिसे 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस दौरान कमेटी सीसीटीवी के फुटेज को भी खंगालेगी।
अक्सर होती है घटना, मामला बढ़ने पर देते हैं हड़ताल की धमकी
रिम्स में डॉक्टरों द्वारा मरीजों से अभद्रता की यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कई बार रिम्स में जूनियर डॉक्टर परिजनों की पिटाई कर चुके हैं। मामला बढ़ने पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल का सहारा लेकर चिकित्सकीय सेवा को बंद कर देते हैं, ताकि कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई न हो। तीन दिन पहले भी मेडिसिन वार्ड में एक मरीज के परिजन के संग डॉक्टरों की झड़प हो गई थी, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने की धमकी देते दिखे थे।
'मैं घटना की निंदा करता हूं। जूनियर डॉक्टर को हाथ नहीं छोड़ना चाहिए था। फिलहाल इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसे 48 घंटे के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी।'
-डॉ. आरके श्रीवास्तव, निदेशक, रिम्स।