खूंटी के सहयोग विलेज में तीन बच्चों की मौत पर ऑनलाइन एफआइआर
बच्चों की देखभाल करने वाली संस्था खूंटी के सहयोग विलेज में तीन बच्चों की मौत हो गई है।
रांची, जागरण संवाददाता। बच्चों की देखभाल करने वाली संस्था खूंटी के सहयोग विलेज में एक के बाद एक तीन बच्चों की मौत मामले में जमशेदपुर के मानगो निवासी समाजसेवी दर्श चौधरी ने रांची के कोतवाली थाने में ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराई है।
दर्श चौधरी ने ऑनलाइन एफआइआर कंप्लेन संख्या 737387 दर्ज कराते हुए महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ कौशल, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर, बाल संरक्षण सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश सिंह, सीडब्ल्यूसी रांची की अध्यक्ष रूपा कुमारी, खूंटी सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष वीरेश्वर विंघिया और सहयोग विलेज के संचालक मंजीत सिंह को नामजद आरोपित बनाया है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपित बनाए गए जिम्मेदारों की वजह से इनकी लापरवाही, अनदेखी व गलती की वजह से मासूम बच्चों की कुपोषण से मौत हो रही है। अपने आवेदन में उक्तअधिकारियों के खिलाफ कानून का उल्लंघन करने, संवैधानिक पद एवं शक्तियों का दुरुपयोग करने, बच्चों का शोषण करने, बच्चों को जबरदस्ती कब्जे में रखने और बच्चों की मौत की वजह बनने का आरोप लगाया है। सीडब्ल्यूसी अध्यक्षों की नियुक्तिमें भी गड़बड़ी बताते हुए उनके अयोग्य होने की बात कही गई है। इस पर कोतवाली थाना के इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने कहा है कि बच्चों की मौत खूंटी में हुई, ऐसे में खूंटी में मामला दर्ज कराना चाहिए।
कुपोषण से बच्चों की हुई मौत : सहयोग विलेज के तीन शिशुओं की मौत कुपोषण और कम वजन की वजह से हुई। तीनों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। दो बच्चों में एक की मौत खूंटी के सदर अस्पताल और एक की निजी अस्पताल में 19 अगस्त को हुई थी। तीसरी बच्ची की मौत 24 अगस्त को हुई थी।
निर्मल हृदय से भी जुड़ा है मामला, हिनू के शिशु भवन से भेजे गए थे 12 बच्चे : राची की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बच्चों की बिक्री का प्रकरण सामने आने के बाद निर्मल हृदय के बालगृह हिनू स्थित शिशु भवन से 22 बच्चों को रेस्क्यू किया था। इनमें से 12 बच्चों को खूंटी के सहयोग विलेज को देखरेख के लिए भेजा गया था। इनमें से दो बच्चों की मौत कुपोषण से हो गई थी।
वहीं सहयोग विलेज में एक अन्य बच्चे की भी मौत कुपोषण से हो गई। संस्था के ज्ञात हो कि निर्मल हृदय से बच्चे बेचे जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद यहां से बच्चे सहयोग विलेज समेत अन्य आश्रय गृहों में भेजे गए थे।