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सीसीटीवी फुटेज से खुलासा; शराब तस्करी की झूठी कहानी में फंसे डीएसपी, जाच के आदेश

हटिया डीएसपी के कारनामे से पुलिस की वर्दी एक बार फिर दागदार होती दिख रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 08:56 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:56 AM (IST)
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा; शराब तस्करी की झूठी कहानी में फंसे डीएसपी, जाच के आदेश
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा; शराब तस्करी की झूठी कहानी में फंसे डीएसपी, जाच के आदेश

रांची, जागरण संवाददाता। पुलिस की वर्दी एक बार फिर दागदार होती दिख रही है। प्रशसा बटोरने के चक्कर में पुलिस वालों ने शराब तस्करी की झूठी कहानी रचकर दो युवकों को चोरी की गाड़ियों और शराब के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में मुख्य भूमिका हटिया डीएसपी की है और वे फंसते भी दिख रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही सिटी एसपी अमन कुमार ने जाच के आदेश दिए हैं।

मामले का खुलासा इतनी आसानी से नहीं होता, अगर पकड़ी गई गाड़ियों के असली मालिक सामने नहीं आते। इतना ही नहीं वाहन मालिकों के पास सीसीटीवी फुटेज भी हैं जिससे यह पता चल रहा है कि गाड़िया कहीं से पकड़ने की जगह क्रेन से उठवाई गई थीं।

अब जवाब देने में अधिकारियों के हलक सूख रहे हैं। जिन दो युवकों को जेल भेजा गया उनके बारे में भी पता लगाया जा रहा है कि वे हैं कौन।

पुलिस की वर्दी पर लगे दाग की कहानी धुर्वा थाना में 31 अगस्त को हुई प्रेसवार्ता से शुरू होती है। हटिया डीएसपी विनोद रवानी ने अधिकारियों को सूचना दी थी कि एक सफारी और एक मारुति कार से दो शराब तस्कर पकड़े गए हैं।

दावा किया गया कि धुर्वा स्थित शालीमार मार्केट से बिहार के लिए चली गाड़ियां जब्त की गई हैं। इसके विपरीत दोनों गाड़ियां डोरंडा के पत्थल रोड के बगल में एक घर के सामने से उठाई गई थीं। पुलिस इसे क्रेन से उठवाकर चुपचाप ले गई।

मुहल्ले में लगे सीसीटीवी के अलावा थाना के सीसीटीवी फुटेज में भी क्रेन से खींचकर गाड़ियों के ले जाने का रिकॉर्ड है। सबसे बड़ी बात यह कि दोनों गाड़ियां घर के बाहर लंबे समय से मरम्मत के लिए पड़ी थीं। और तो और सफारी में बैटरी भी नहीं थी, फिर चलती कैसे?

खैर, शराब लेकर बिहार जाने की कहानी सबके सामने सुनाई गई। सिटी एसपी अमन कुमार ने भी वैसा ही कह दिया जैसा डीएसपी ने बताया।

मालिकों को समाचार पत्रों से कार की जानकारी मिली : मारुति 800 और सफारी गाड़ी खराब स्थिति में सड़क किनारे खड़ी थीं। मारुति 800 के मालिक और इस मामले के पीड़ित रवि गुप्ता के अनुसार गाड़ी उस दिन उठाई गई जिस दिन किसी कारण से वे राची के बाहर गए थे। दूसरे दिन अखबार में खबर पढ़ने के बाद वे थाना पहुंचे, तो पुलिस टाल-मटोल करने लगी। जल्द ही गाड़ी छोड़ देने का वादा किया लेकिन छोड़ा अब तक नहीं।

डोरंडा थानेदार को नहीं थी गाड़ी उठाए जाने की जानकारी : पुलिस ने डोरंडा थानेदार को बिना जानकारी दिए उनके क्षेत्र से दोनों गाड़ियां उठवा ली थीं। फिर पूरी योजना के तहत झूठी कहानी रची गई और सिटी एसपी के माध्यम से प्रेस वार्ता का आयोजन किया।

डीएसपी बोले, ऑफिस में आइए : इस मामले में कुछ याद नहीं है। धुर्वा थाने में दर्ज प्राथमिकी को देखकर ही कुछ बता पाऊंगा। ऑफिस में आकर बातचीत कीजिएगा। विनोद रवानी, डीएसपी, हटिया

हटिया डीएसपी ने जानकारी दी थी कि इन गाड़ियों से शराब की तस्करी बिहार के लिए हो रही थी। नए तथ्यों के आलोक में पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

अमन कुमार, सिटी एसपी, राची।


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