सिल्वर गर्ल मधुमिता ने कहा-जारी रहेगा जीत का सिलसिला; रांची से सिल्ली तक शानदार स्वागत
जकार्ता में चल रहे एशियन गेम्स में रजत पदक हासिल करने वाली झारखंड की बेटी मधुमिता के रांची आगमन पर जोरदार स्वागत किया गया।
रांची, जागरण संवाददाता। जकार्ता में चल रहे एशियन गेम्स में रजत पदक हासिल करने वाली झारखंड की बेटी मधुमिता शनिवार को जब रांची पहुंची तो स्वागत में रांची से सिल्ली तक लोगों ने पलक पांवड़े बिछाए।
एयरपोर्ट से लेकर जगह-जगह मधुमिता का स्वागत शानदार अंदाज में हुआ। अपनों के बीच पहुंचकर और अपना इतना शानदार स्वागत देखकर वे कई बार भावुक हुईं। छलछलाई आंखों से कम शब्दों में ही प्रशंसकों का आभार जताया। यह भरोसा भी दिलाया कि जीत का यह सिलसिला बरकरार रहेगा और ऐसा अपार स्नेह मिलता रहेगा तो वह मेडलों की झड़ी लगा देंगी।
राची पहुंचते ही हवाई अड्डे पर तीरंदाज मधुमिता का जोरदार स्वागत हुआ। कोच प्रकाश के साथ वह इंडिगो के विमान से सुबह 11:45 पर दिल्ली से राची एयरपोर्ट पहुंचीं। सैकड़ों खेल प्रेमी गाजे-बाजे के साथ तिरंगा लेकर उनकी आगवानी को मौजूद थे। स्वागत में मांदर, ढोल, नगाड़े की धुन पर झारखंड का पारंपरिक छऊ नृत्य प्रस्तुत किया गया। भारत माता के जयकारे से एयरपोर्ट परिसर गूंज रहा था।
पिता से गले लिपट कर रो पड़ीं, स्वागत को उमड़ा हुजूम : मधुमिता की आगवानी को लेकर एयरपोर्ट पर उनके पिता जितेंद्र नारायण सिंह, भाई चंद्रशेखर सिंह, मौसेरे भाई मनीष कुमार सिंह भी मौजूद थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही मधुमिता ने पिता से गले लिपट कर रो पड़ीं।
बेटी द्वारा गौरवशाली कीर्तिमान स्थापित करने पर पिता के आंखे भी छलक गईंा। एयरपोर्ट पर उनको खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इसके अलावा राची विवि के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय, प्रति कुलपति कामिनी कुमार व रजिस्टार के अलावा राची विवि, डोरंडा कॉलेज, बिरसा मुंडा आर्चरी केंद्र के सदस्यों समेत आजसू के कार्यकर्ता के अलावा सैकड़ों लोगों ने फूल माला से मधुमिता का स्वागत किया।
सुबह 11 बजकर 10 मिनट में वह ओपन स्पोर्ट जीप में सवार होकर बिरसा मुंडा आर्चरी केंद्र के मुख्य संरक्षक सुदेश महतो के आवास पहुंचीं।
सुदेश महतो से गले मिल भावुक होकर रोने लगीं मुधमिता : मधुमिता का काफिला जब सुदेश महतो आवास पहुंचा तो वहां खुद आजसू अध्यक्ष सह बिरसा मुंडा आर्चरी केंद्र के मुख्य संरक्षक सुदेश महतो अपनी पत्नी नेहा के साथ स्वागत किया।
मुधमिता ने जीप से उतरकर सुदेश महतो का चरणस्पर्श किया। यहां उनकी आंखें नम हुईं तो सुदेश और उनकी पत्नी नेहा दोनों ने मधुमिता को गले से लगाकर हौसला बढ़ाया।
इस मौके पर आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि छोटी जगह से निकलकर मधुमिता ने देश और दुनिया में झारखंड का मान बढ़ाया है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। हमें यकीन है कि मधुमिता लगातार सफलता की नई कहानी लिखेंगी और तिरंगे का मान बढ़ाएंगी।
अगली बार गोल्ड लेकर आउंगी : इस मौके पर मधुमिता ने कहा कि अगली बार गोल्ड लेकर आउंगी। आज मैं जहां तक पहुंची हूं, उसमें आप सबों का बहुत सपोर्ट है। सुदेश महतो जी का सहयोग व समर्थन भी मैं नहीं भूल सकती।
कोच ने पहचानी मधुमिता की प्रतिभा
पिता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि मधुमिता की प्रतिभा को उनके कोच प्रकाश शिशिर ने पहचाना। वे ही उसे स्कूल से आर्चरी एकेडमी लेकर आए। यहीं इसका निखार हुआ।
सिल्ली में मधुमिता के स्वागत में सड़कों में उड़े अबीर गुलाल : मधुमिता कुमारी को जोन्हा से मोटरसाइकिल के काफिले की शक्ल में सिल्ली तक लाया गया। स्वागत के दौरान सिल्ली में लगभग 2 घटे आवागमन बाधित रहा। वाहनों को सिल्ली के बाहर रोक दिया गया।
स्टेडियम में आयोजित समारोह में बिरसा मुंडा तीरंदाजी केंद्र के मुख्य संरक्षक सुदेश महतो ने सिल्वर गर्ल मधुमिता को सम्मानित किया। सुदेश महतो ने कहा कि मधुमिता ने पूरे देश में झारखंड राज्य एवं सिल्ली प्रखंड का नाम रौशन किया।
इससे यहा के अन्य खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। जीत का यह क्रम जारी रहे, इसके लिए अन्य खिलाड़ियों को लक्ष्य निर्धारित कर निशाना साधने की जरूरत है।
ये थे उपस्थित : इस मौके पर आजसू महासचिव रोशलाल चौधरी, आजसू प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, जिप अध्यक्ष सुकरा मुंडा, उपाध्यक्ष पार्वती देवी, मधुमिता के पिता जितेंद्र नारायण सिंह आदि उपस्थित थे।