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हाई कोर्ट ने फूड सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट, सरकार देगी हलफनामा

झारखंड हाई कोर्ट ने फूड सेफ्टी ऑफिसर के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 12:31 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 12:31 PM (IST)
हाई कोर्ट ने फूड सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट, सरकार देगी हलफनामा
हाई कोर्ट ने फूड सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट, सरकार देगी हलफनामा

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत में शनिवार को दूध में मिलावट को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को फूड सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति पर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद निर्धारित की गई है।

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शनिवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में फूड सेफ्टी ऑफिसर के 86 पद स्वीकृत हैं। इनमें कई पद रिक्त हैं। इन पदों पर नियुक्ति को लेकर जेपीएससी को 2015 में अनुशंसा भेजी गई थी। आयोग की ओर से मार्च 2018 में परीक्षा ली गई है, लेकिन इसका परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ है। इसके अलावा लैब कर्मियों सहित अन्य पदों पर भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। सरकार के जवाब पर कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले पूरे मामले पर स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि दूध में मिलावट करने की खबर अखबारों में छपी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।

सीसीएल से मांगी सीएसआर के तहत किए कार्यो की सूची

झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व रत्नाकर भेंगरा की अदालत में शनिवार को टंडवा में आम्रपाली प्रोजेक्ट में ब्लास्टिंग से होने वाले नुकसान को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में सीसीएल को सीएसआर (सामाजिक दायित्व) के तहत किए कार्यो की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

शनिवार को सुनवाई के दौरान सीसीएल की ओर से इस मामले में कोर्ट से समय देने का आग्रह किया गया। जिस पर कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामले में उन्हें पहले भी समय दिया गया था, लेकिन उनकी ओर से सीएसआर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं की गई। कोर्ट ने निर्देश दिया कि तीन सप्ताह में पूरी जानकारी कोर्ट में दाखिल करें।

बता दें कि आशुतोष मिश्रा ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि सीसीएल ने सीएसआर के तहत इस क्षेत्र में कोई कार्य नहीं किया है। अधिवक्ताओं की जांच रिपोर्ट में भी इसकी जानकारी दी गई है।


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