लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से झटका, 30 अगस्त तक करना होगा सरेंडर-नहीं बढ़ी बेल की अवधि
चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के प्रोविजनल बेल की अवधि हाई कोर्ट ने नहीं बढ़ाई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। पूर्व केंद्रीय मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को हाई कोर्ट ने करारा झटका दिया है। अपनी बीमारी के इलाज के लिए जमानत पर चल रहे लालू को उच्च न्यायालय ने 30 अगस्त तक सरेंडर करने को कहा है। अब उनका इलाज रांची के रिम्स में होगा।
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश सिंह की कोर्ट ने लालू यादव की प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाए जाने की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें 30 अगस्त को सीबीआई कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया। 27 अगस्त को लालू की प्रोविजनल बेल की अवधि समाप्त हो रही थी। कोर्ट ने लालू का इलाज रिम्स में कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इमरजेंसी में रिम्स के डॉक्टर बंबई के एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट से संपर्क कर सकते है।
इससे पहले लालू यादव की ओर से मेडिकल रिपोर्ट दाखिल की गई थी। जिसमें शुगर बढ़ने और ऑपरेशन में इन्फेक्शन की बात कही गयी। लालू की ओर से कहा गया कि उन्होंने प्रोविजनल बेल का कभी भी मिस यूज नहीं किया। सीबीआइ ने कहा कि लालू यादव के ऑपरेशन की रिकवरी हो रही है और इनका इलाज रिम्स में भी हो सकता है। इसलिए बेल की अवधि बढ़ाने की जरूरत नहीं है। जिस पर कोर्ट ने लालू की याचिका को खारिज कर 30 अगस्त को सरेंडर करने का निर्देश दिया।
लालू के घर पर रहने पर थी सीबीआइ को आपत्ति
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने सीबीआइ की दलील को देखते हुए इलाज के लिए प्रोविजनल बेल पर चल रहे लालू प्रसाद के घर पर रहने पर कड़ी आपत्ति की थी। तब हाई कोर्ट ने सीबीआइ को उनकी इलाज के संबंध में सभी रिपोर्टो की जांच करने को कहा था। साथ ही कहा था कि इलाज के क्रम में वो या तो अस्पताल में रहें या फिर जेल में। वकील की ओर से लालू के घर पर रहने की दलील को कोर्ट ने सही नहीं माना था।