तुपुदाना में पुलिस-पीएलएफआइ के बीच मुठभेड़
तुपुदाना : रांची-खूंटी बॉर्डर के तुपुदाना में पुलिस और पीएलएफआइ उग्रवादियों के बीच मुठभ
तुपुदाना : रांची-खूंटी बॉर्डर के तुपुदाना में पुलिस और पीएलएफआइ उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। घटना गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार तुपुदाना ओपी प्रभारी प्रकाश यादव को सूचना मिली कि तुपुदाना ओपी क्षेत्र के गरसुल अंबाटोली के जंगल में पीएलएफआइ के एरिया कमांडर अखिलेश गोप दस्ते के उग्रवादी किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए जमे हैं। इस सूचना पर पुलिस की टीम वहां पहुंची। धुर्वा इंस्पेक्टर तालकेश्वर राम भी पहुंचे थे। जैसे पुलिस जंगल में अपराधियों की ओर बढ़ी, उनपर ताबड़तोड़ फाय¨रग की गई। पुलिस ने इसपर जवाबी फाय¨रग करते हुए एके-47 से तीन राउंड गोलियां चलाई। पुलिस की इस जवाबी कार्रवाई के बीच उग्रवादी वहां से भाग निकले। इसके बाद पुलिस ने जंगल में सर्च किया तो मौके से एक स्कूटी (जेएच-01सीक्यू-3046) और एक मोटरसाइकिल (जेएच-01सीजी-302304) बरामद किया गया। दोनों के बारे में स्थानीय ग्रामीणों से जानकारी लिए जाने पर किसी ने जानकारी नहीं दी। पुलिस के मुताबिक दोनों मोटरसाइकिल उन्ही उग्रवादियों की है। हालांकि पुलिस को घटनास्थल से खोखा नहीं मिला है।
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इनके जुटने की मिली थी सूचना :
पुलिस को सूचना थी कि गरसुल अंबाटोली के जंगल में पीएलएफआइ के एरिया कमांडर अखिलेश गोप के अलावा गुरू उर्फ सकराजीत गोप, बीजू मुंडा, कुशू मुंडा, रमेश खोया सहित अन्य की जुटने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर वहां पहुंचकर पुलिस ने आवाज लगाई कि तुमलोग चारों ओर से घिर गए हो। लेकिन अपराधियों ने फाय¨रग शुरू कर दी।
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एसएसपी ने भेजी थी क्यूआरटी :
तुपुदाना ओपी प्रभारी ने नक्सलियों के जुटने की सूचना एसएसपी अनीश गुप्ता को भी दी थी। इस सूचना पर एसएसपी ने क्यूआरटी भेजी था। क्यूआरटी में शामिल जवानों ने मुठभेड़ के दौरान फाय¨रग की थी। टीम में प्रवीण तिवारी, कृष्णा उरांव, कुंदन कुमार सहित अन्य शामिल थे। मौके पर सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट पुरुषोत्तम कुमार सहित अन्य जवान भी पहुंचे थे।
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इलाके के जनप्रतिनिधि देते हैं संरक्षण :
सूत्रों के अनुसार तुपुदाना का इलाका इन दिनों पीएलएफआइ उग्रवादियों की शरण स्थल बनी है। इलाके के सोदाग, हुडिंगदाग, गरसुल, अंबाटोली, तेतरटोली, इलाके में उग्रवादी छुपकर रहते हैं। इन्हें इलाके के जनप्रतिनिधि संरक्षण देते हैं। इससे आए दिन उग्रवादी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं। लेकिन पुलिस इससे बेखबर है।