नक्सलियों के चंगुल से भागे दो बच्चे, पुलिस ने किया रेसक्यू, ढुलवाते थे पानी- बनवाते थे खाना
भाकपा माओवादियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों के चंगुल से भागकर दो बच्चे पुलिस के पास पहुंचे हैं।
जेएनएन, गढ़वा : भाकपा माओवादियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों के चंगुल से भागने में आदिम जनजाति परिवार के दो नाबालिग बच्चे सफल रहे हैं। इसकी सूचना पर पुलिस ने रेसक्यू अभियान चलाया तथा बच्चों को सुरक्षित वहां से निकाल लिया है। दोनों बच्चों को नक्सली उनके माता-पिता को मारपीट कर जबरन अपने साथ ले गए थे और उनसे बंधुआ मजदूर की तरह काम कराते थे।
नक्सलियों के चंगुल से निकल भागने वाले बच्चों के नाम बूढ़ागांव के झालुडेरा टोला निवासी बुटन कोरबा (12 वर्ष) तथा कोलिना (14 वर्ष) है। यह जानकारी डीआइजी विपुल शुक्ला ने बुधवार को पत्रकारों को दी। उन्होंने कहा कि बच्चों ने हिम्मत का परिचय दिया है।
दोनों बच्चे विगत एक वर्ष से नक्सलियों के चंगुल में थे। इनसे माओवादी पानी ढुलवाने, पैर दबवाने, खाना बनवाने आदि काम कराते थे। उन्होंने कहा कि माओवादियों के चंगुल से बचकर निकले बच्चे व उनके परिवार को पुलिस ने संरक्षण दिया है तथा बच्चों के पढ़ाई व जीवन यापन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पढ़ लिखकर बनूंगा अच्छा आदमी
नक्सलियों के चंगुल से बचकर निकले 12 वर्षीय बुटन कोरबा को पुलिस प्रशासन की ओर से स्कूल बैग, ड्रेस आदि प्रदान किया गया। स्कूल बैग कंधे पर टांगकर बुटन काफी खुश था। पूछे जाने पर उसने बताया कि नक्सलियों के चंगुल से निकलकर वह काफी खुश है तथा पढ़ लिखकर वह अच्छा आदमी बनना चाहता है।
उसने बताया कि वह पिछले कई दिनों से नक्सलियों के चंगुल से निकल भागने की फिराक में था। लेकिन कड़ी निगरानी के कारण वह नहीं भाग पा रहा था। बीते दिन उसने हिम्मत जुटाई और अपने एक सहयोगी के साथ बूढ़ा पहाड़ से भाग निकला। बाद में पुलिस को इसकी जानकारी दी।