बाहर से आए मरीज ने लाया चिकनगुनिया
रांची : शहर में चिकनगुनिया के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वास्थ्य महकमा चिंतित नजर आ रह
रांची : शहर में चिकनगुनिया के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वास्थ्य महकमा चिंतित नजर आ रहा है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ.मंजू प्रसाद का कहना है कि चिकनगुनिया को बाहर से आए मरीज द्वारा लाया गया है। ऐसी संभावना है। रांची में मंगलवार तक 278 सैंपल के टेस्ट हुए हैं। इनमें 169 में चिकनगुनिया के लक्षण पाए गए हैं। नौ लोगों को डेंगू की बीमारी से पीड़ित पाया गया है और डेंगू व चिकनगुनिया के केसेज 14 में मिले हैं। ऐसे में हर दस में पांच व्यक्ति चिकनगुनिया से पीड़ित हैं। इनमें से कई एक ही परिवार के हैं। ऐसे में परिवार पर आर्थिक बोझ तो बढ़ ही रहा है, डॉक्टरों के यहां मरीजों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है।
पिछले साल तक थी कम रिपोर्ट
¨हदपीढ़ी इलाके में स्वास्थ्य विभाग और रूरल अर्बन हेल्थ मिशन के लोग लगातार शिविर तो लगा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही इसके पीछे के कारणों की भी पड़ताल की जा रही है। इस बारे में जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. मंजू प्रसाद ने बताया कि चिकनगुनिया बीमारी की पिछले साल तक काफी कम रिपोर्ट शहर में मिली। छिटपुट मरीज आते रहते थे। लेकिन, अभी ऐसा लग रहा है कि बाहर से कोई व्यक्ति इस बीमारी को लेकर आया है। उस संबंधित व्यक्ति को मच्छर ने काटा होगा। फिर उस संक्रमित मच्छर द्वारा दूसरे व्यक्ति को काटने के बाद चिकनगुनिया की बीमारी फैली होगी।
मच्छरों को पनपने से रोकिए
डॉ.मंजू प्रसाद ने कहा कि मच्छरों को जब तक पनपने से रोका नहीं जाएगा, इस पर कंट्रोल करना मुश्किल होगा। लोग बर्तन में पानी जमा कर लेते हैं। साफ-सफाई की स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में मच्छरों का प्रजनन तेज गति से होता है। फिर संक्रमित मच्छर चार-पांच लोगों को काट लेता है। ये 200 मीटर के क्षेत्र में ही रहते हैं। बॉक्स
इसलिए ¨हदपीढ़ी में अधिक मरीज
¨हदपीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा स्लम एरिया के रूप में है। गलियों के बीच बसे घरों के अगल-बगल नालियों के बीच से गुजरते पानी के पाइपों से जब आप रूबरू होंगे, तो खुद इस बीमारी के पनपने का राज जान जाएंगे। एक्सपर्ट कहते हैं कि लोग घरों में जल संकट से बचाव को लेकर चार-पांच बर्तनों में पानी इकट्ठा कर लेते हैं। जिनमें मच्छरों का लार्वा पनपता रहता है। ऐसे में चिकनगुनिया और डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की संख्या बढ़ती रहती है।
किसी भी हाल में रखें सफाई
एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल घरों में मच्छरों के लार्वा को पनपने नहीं देना ही एक रास्ता है। इसलिए घर की सफाई रखें। कहीं भी बेवजह जलजमाव नहीं होने दें।
'चिकनगुनिया के केस पहले कम मिलते थे। यह बीमारी बाहर के किसी संक्रमित व्यक्ति के आने के बाद हुई है। जिसे मच्छर ने काटा होगा और फिर संक्रमित होकर दूसरों को उसने काटकर संक्रमण फैलाया होगा।'
डॉ.मंजू प्रसाद,जिला मलेरिया पदाधिकारी
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पांच जगहों पर लगा कैंप, 511 की जांच
रांची : सदर अस्पताल की एसीएमओ डॉ.नीलम चौधरी ने बताया कि शहर के ¨हदपीढ़ी क्षेत्र में मंगलवार को पांच जगहों पर मेडिकल कैंप लगाया गया, जिसमें 135 ब्लड सैंपल जमा किए गए। इसमें 511 मरीजों की जांच की गई। इसमें मिल्लत एकेडमी में 140 लोगों का ब्लड टेस्ट किया गया, जिसमें 33 के सैंपल लिए गए। वहीं मिल्लत एकेडमी में 140 टेस्ट के साथ 33 ब्लड कलेक्ट हुए। आजाद बस्ती, निजामनगर, मंथन युवा संस्थान और अमन में क्रमश: 102, 96, 25 और 155 लोगों की जांच की गई।
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बांटी गई मच्छरदारी
¨हदपीढ़ी एरिया के वार्ड 23 में चिकनगुनिया बुखार की रोकथाम के लिए पार्षद डॉ साजदा खातून एवं सिविल सर्जन डॉ. विजय बिहारी प्रसाद, एसीएमओ और स्टेट मलेरिया अफसर डॉ. खन्ना के सहयोग से मरीजों के बीच मच्छरदानी का वितरण किया गया।
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इकट्ठा किया मच्छरों का लार्वा
डिस्ट्रिक्ट एंटेमॉलोजिस्ट डॉ. सज्ञा सिंह के द्वारा ¨हदपीढ़ी एरिया में घर-घर जाकर मच्छरों का लार्वा इकट्ठा किया गया। इसके अलावा जमा टायर, बर्तन, ड्रम और खुली जगहों में जल जमाव की जांच स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई। साथ ही इन जमा जल को लोगों की मदद से बहाकर नष्ट किया गया।