दो लाख रुपये में अस्मत का सौदा, थाने से वापस करवाया आवेदन
एक गरीब की दो बेटियों से दुष्कर्म के बाद धमकी देकर उनसे सौदेबाजी की जा रही है।
जेएनएन, रांची। समाज के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है, कि एक गरीब की दो बेटियों से पहले दुष्कर्म किया जाए। दोनों के गर्भवती होने पर मामले को दबाने में पुलिस, पंचायत और दलाल सक्रिय होकर पीड़िता से दो लाख रुपये में अस्मत का सौदा हो। रातू इलाके में हुई दो बहनों से दुष्कर्म के बाद ऐसा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बेटियों से दुष्कर्म की शिकायत करने 26 जुलाई, 2018 को रातू थाना पहुंची थी। जहां फुटकलटोली अंजुमन कमेटी के सदर, दुष्कर्म के आरोपित गुलरेज अंसारी व उसके पिता जहांगीर अंसारी सहित अन्य ने मिलकर मामले को दबा दिया।
इसके बाद पीड़ित पिता से आवेदन को यह लिखवाकर वापस करवाया कि आरोपित गुलरेज बिल्कुल निर्दोष है। नशे में मैंने थाना जाकर गलत आरोप लगाया था। पंचायत व आरोपित पक्ष के लोगों ने मिलकर एक खाली स्टांप पेपर में हस्ताक्षर करवाया। जिसमें बाद दो लाख रुपये देकर शादी करने और लगाए गए आरोपों के बेबुनियाद होने संबंधित तथ्य लिख दिए गए। बाद में जबरन घर में 80 हजार रुपये भी भेजवा दिया। गौरतलब है कि दो बहनों से दुष्कर्म का मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने कांके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले शुक्रवार की रात एक बच्चे को जन्म दिया।
अब जान का है खतरा : पिता ने बाल संरक्षण आयोग व पुलिस के समक्ष अपने भय को जाहिर किया है। कहा है मैंने आरोपित पक्ष की बात मानने की बजाए केस करवा दिया है। हमारी जान को खतरा है। उन्होंने बताया कि बेटी के शरीर में बदलाव के बाद चिकित्सकीय जांच करवाई। तब पता चला कि बेटी गर्भवती है। इसके बाद खुदकशी का प्रयास किया। लेकिन नाती ने बचा लिया। पंचायत वालों ने न्याय के बजाय पक्षपात किया। पुलिस ने कार्रवाई के बजाय समझौता कराया।
जेल भेजा गया गुलरेज, दूसरा आरोपित गिरफ्तार : बड़ी बहन से दुष्कर्म करने के आरोपित गुलरेज अंसारी को पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया है। वहीं छोटी बहन से दुष्कर्म करने का आरोपित जमीन कारोबारी 55 वर्षीय मोजीम अंसारी गिरफ्तार कर लिया गया है। सोमवार को उसे जेल भेजा जाएगा। इधर बच्चे को जन्म देने वाली पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी देकर वापस नारी निकेतन भेज दिया गया है। मामले में छोटी बहन का बयान लेने महिला थानेदार दीपिका प्रसाद पहुंची। पीड़िता से मिलने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर, तन्नुश्री सरकार, सामाजिक कार्यकर्ता सम्राट राहुल, डीसीपीओ सेवक राम सहित अन्य पहुंचे थे।
पीड़ित परिवार को रातू छोड़ने की धमकी : पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपित पक्ष व गांव के दबंगों द्वारा लगातार मुझे और मेरे परिवार को लगातार धमकी दी जा रही है कि रातू छोड़कर चले जाओ वरना अंजाम बुरा होगा। पूरा परिवार दहशत में है, परिजनों के साथ मारपीट भी की गई है।
27 जुलाई को एकरारनामा, उसी दिन थाने से आवेदन वापसी : एकरारनामा 27 जुलाई, 2018 को किया गया था। उसी दिन थाने से आवेदन वापस लिया गया था। पिता को जबरन दबाव देकर हस्ताक्षर करवाया गया। 80 हजार रुपये का चेक दिया गया। बाद में चेक वापस लेकर 80 हजार रुपये छोड़कर एक व्यक्ति चला गया था। स्टांप पेपर के समझौता पत्र में पीड़िता के माता-पिता व गुलरेज अंसारी, उसके पिता जहागीर अंसारी व तीन गवाहों के हस्ताक्षर हैं।
समझौता कराने वाले सभी दोषी : आरती कुजूर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि मामले का समझौता कराने वाले रातू थानेदार, फुटकल टोली अंजुमन के सदर, आरोपित पक्ष व अन्य सभी दोषी हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चहिए। इसके लिए एसएसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए निर्देश दिया जाएगा। दोषियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई मामला मेरे संज्ञान में आया है, मामले को दबाने में जितने भी दोषी हैं सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर पुलिस का कोई पदाधिकारी है, तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अजीत पीटर डुंगडुंग, ग्रामीण एसपी रांची।