दूसरे के प्रमाणपत्र पर आरक्षण का लाभ लेनेवाले अधिकारी की जाएगी नौकरी, पकड़ी गई अफसरों की चालबाजी
झारखंड प्रशासनिक सेवा में शातिर अधिकारियों की घुसपैठ को इसे आका ज
राज्य ब्यूरो, राची। झारखंड प्रशासनिक सेवा में शातिर अधिकारियों की घुसपैठ को इसे आका जा सकता है कि लाख कोशिशों के बावजूद ये अधिकारी किसी न किसी तरह से बच निकलते हैं। अभी दो मामला प्रकाश में आया है जिसमें कार्मिक विभाग कार्रवाई की तैयारी में है। कार्रवाई से पहले विभाग मामले पर चुप्पी साधे है ताकि किसी प्रकार की पैरवी इन अधिकारियों के पक्ष में नहीं आ सके।
पहला मामला है आरक्षण का लाभ लेने के लिए दूसरे का खतियान इस्तेमाल करनेवाले प्रखंड विकास पदाधिकारी का तो दूसरा मामला है कार्रवाई के बावजूद विभाग की आख में धूल झोंककर बचने की कोशिश का। राज्य में इस तरह के आधा दर्जन से अधिक मामले हैं जिसमें अधिकारियों के खिलाफ गलत दस्तावेज समर्पित करने का आरोप है।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रूपेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उन्हें समर्पित भी किया। उन्होंने गलत तरीके से बीसी-1 का सर्टिफिकेट बनवाया और जब इसकी जाच की जाने लगी तो जिला स्तर के अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर रिपोर्ट भेजकर विभाग को गुमराह करने की कोशिश की। बताते हैं कि अब रूपेश की नौकरी खतरे में है। कार्मिक विभाग के सूत्रों के अनुसार रूपेश की गलती पकड़ी जा चुकी है और उन्हें डिसमिस करने की तैयारी है। इसके लिए कार्मिक विभाग के माध्यम से कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा जाएगा। एक अन्य मामले में यह जानकारी मिल रही है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद निलंबित किए गए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने चुपके से ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से तबादला करा लिया। इस मामले में जाच की जा रही है कि उक्त अधिकारी पर किस प्रकार का आरोप लगाया जाए। कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस प्रकरण में शीघ्र ही कार्रवाई होगी।