कांग्रेस ने कसा करारा तंज, सड़क की कौन कहे-1000 करोड़ में तो जमशेदपुर तक नोट बिछ जाते
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने रांची-टाटा हाइवे में गड़बड़ी की जांच के लिए हाईकोर्ट की सीबीआइ जांच के आदेश को लेकर भाजपा सरकार पर तंज कसा है।
रांची : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने रांची-टाटा हाइवे में गड़बड़ी की जांच के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार को आड़े हाथों लिया है। गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। पूछा, मधुकान कंपनी को एक हजार करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश किसने दिया? इतनी राशि में तो रांची से जमशेदपुर तक नोट बिछाकर सड़क बन जाती।
गडकरी पर भी चुटकी ली, कहा वे सड़कों पर हवाई जहाज उतारने की बात करते थे लेकिन इस सड़क पर तो ट्रैक्टर तक नहीं उतर पा रहे। नितिन गडकरी बड़े जोश से कह गए कि केंद्र सरकार प्रतिदिन 23 किमी सड़क बनवा रही है लेकिन झारखंड में चार वर्षो में 125 किमी सड़क नहीं बन पाई।
सड़क की खराबी के कारण एनएच 33 पर पिछले चार वर्षो में 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 800 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए और 1000 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
इस सड़क से होकर मंत्री सरयू राय तो नियमित तौर पर अपने विधानसभा क्षेत्र जाते हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास तो खैर हवाई मार्ग से ही चलते हैं तो उन्हें लोगों का दर्द पता नहीं चल रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में लोगों की मौत के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास को दोषी मानते हुए वे थाने में मुकदमा करेंगे।
पिछली बार रामगढ़ में मुकदमा दर्ज नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस का काम है कि शिकायत दर्ज कर ले लेकिन यहां पुलिस कानून के तहत काम कर नहीं रही, सो कोर्ट जाकर मुकदमा करेंगे। उन्होंने खूंटी में वाट्सअप मैसेज के लिए 60 लोगों पर देशद्रोह की धाराओं के तहत मुकदमा होने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता उसी संदेश को आगे बढ़ाएंगे, देखते हैं सरकार कितने मुकदमे करती है।
लोकसभा में झूठ बोल रही सरकार :
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने एक बार फिर डोकलाम का मामला उठाया और मीडिया के समक्ष सेटेलाइट तस्वीरों को जारी करते हुए बताया कि वहां चीन पक्के निर्माण करा रहा है। सिक्किम में दो किमी तक घुस चुका है और आज हर देशभक्त की यह चिंता है।
इस मुद्दे पर सुषमा स्वराज लोकसभा में झूठ बोल चुकी हैं। कहां तो मोदी सरकार का बयान था कि आंख दिखानेवालों को आंख दिखाकर बात करेंगे लेकिन बयान देनेवाले चीन के सामने शायद आंखें नीची कर ले रहे हैं।