असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त होने से वंचित होंगे हजारों अभ्यर्थी
रांची : राज्य के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1,118 पदों पर होनेवाली नियुक्ति से झारखंड के हजारों विद्यार्थी वंवित हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इसके लिए जेन या पीएचडी होना आवश्यक है, पर यहां 2007 के बाद जेट की परीक्षा नहीं हुई? 2007 के बाद स्नातकोत्तर करने वाले नेट व वीएडी नहीं छात्र इसमें ीाग नहीं ले सकते।
रांची : राज्य के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1,118 पदों पर होनेवाली नियुक्ति से झारखंड के हजारों अभ्यर्थी वंचित होंगे। झारखंड लोक सेवा आयोग से होनेवाली इस नियुक्ति में इस पद के लिए संबंधित विषय में न्यूनतम 55 फीसद स्नातकोत्तर के साथ नेशनल इलीजिबिलिटी टेस्ट (नेट) या झारखंड इलीजिबिलिटी टेस्ट (जेट) उत्तीर्ण होना अनिवार्य योग्यता निर्धारित की गई है। लेकिन राज्य में 2007 के बाद जेट परीक्षा हुई ही नहीं है।
इस तरह, झारखंड के अभ्यर्थियों को जेट में शामिल होने का मौका दिए बिना ही नियुक्तिप्रक्रिया शुरू कर दी गई। इससे वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने 2007 के बाद स्नातकोत्तर किया है तथा जो नेट या पीएचडी उत्तीर्ण नहीं हैं, वे इन पदों पर नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इन पदों पर होनेवाली नियुक्ति में 11 जुलाई 2009 से पहले पीएचडी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नेट या जेट उत्तीर्ण होने से छूट प्रदान की गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि झारखंड में 2007 में हुई पहली जेट परीक्षा में कई गड़बड़ियां सामने आई थीं। तो क्या इसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। बता दें कि निगरानी जांच के क्रम में यह भी बात सामने आई कि इस परीक्षा की कॉपियां जेपीएससी से गायब हो गई थीं। जेपीएससी कई परीक्षाओं की सीबीआइ जांच अभी भी चल रही है, जिसमें व्याख्याता नियुक्ति भी शामिल है।
दिव्यांगों के पद नहीं होने को लेकर सवाल
असिस्टेंट प्रोफेसर के बैकलॉग पदों में दिव्यांगों के पद नहीं होने पर सवाल उठ रहा है। नियमित नियुक्ति के पदों में भी लो विजन के दिव्यांगों के लिए पद तो हैं लेकिन शारीरिक व श्रव्य दिव्यांग के लिए पद नहीं है। कई दिव्यांग अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व में हुई नियुक्ति तथा पॉलीटेक्निक में शिक्षकों की हुई नियुक्ति में सभी कोटि के दिव्यांगों के लिए पद आरक्षित थे।