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परीक्षा हुई, परिणाम निकला, अंत में पात्रता पर सवाल

महीनों से दर-दर भटक रहे सफल अभ्यर्थी, 886 पदों पर होनी है नियुक्ति । यह हाल तब जब पीएम-सीए

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 09:43 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 09:43 AM (IST)
परीक्षा हुई, परिणाम निकला, अंत में पात्रता पर सवाल
परीक्षा हुई, परिणाम निकला, अंत में पात्रता पर सवाल

महीनों से दर-दर भटक रहे सफल अभ्यर्थी, 886 पदों पर होनी है नियुक्ति

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यह हाल तब जब पीएम-सीएम की प्राथमिकताओं में शामिल है नियोजन

इंटर स्तरीय पदों के लिए सफलता के बाद दर-दर भटक रहे अभ्यर्थी

आयोग का अटपटा सवाल, क्या बराबर हैं इंटरमीडिएट व डिप्लोमाधारी आशीष झा, रांची

परीक्षा से परिणाम तक की प्रक्रिया परेशान तो करती ही है, सरकारी नौकरी का मामला हो तो परेशानी अधिक होने की गारंटी भी है। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक की प्राथमिकताओं में नियोजन शामिल है लेकिन इसके लिए जो तौर-तरीके अपनाए जा रहे हैं उससे निदान तक पहुंचने से पूर्व परेशान होना तय है। प्रक्रिया लंबी होती है और साल-दर-साल कोई निदान नहीं मिलता। अब ऐसा ही मामला सामने आया है राज्य में अमीन, कर्मचारी, गणक और अन्वेषक के नियोजन प्रक्रिया को लेकर।

वर्ष-2017 में निकले विज्ञापन के बाद सैकड़ों लोगों ने आवेदन किए, चयनित अभ्यर्थियों ने अक्टूबर-2017 में परीक्षा भी दी और पास भी कर गए। जाहिर सी बात है कि हजारों में उन्हीं छात्रों को परीक्षा के लिए पात्र माना गया होगा जिनके पास मांग के अनुरूप प्रमाणपत्र होंगे, यानी की पात्रता होगी। लेकिन, देखिए 886 पदों के लिए 1104 अभ्यर्थियों को सफल करार देने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग पात्रता पर सवाल उठा रहा है। आयोग की ओर से कार्मिक को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है कि क्या डिप्लोमाधारी छात्रों को इंटर के समकक्ष माना जा सकता है। इस मामले में स्पष्ट जानकारी मिलने के बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। क्या है मामला

हास्यापद बनते जा रहे इस मामले की कहानी यह है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इंटरमीडिएट स्तर के चार पदों क्रमश: अमीन, कर्मचारी, गणक और अन्वेषक के पदों के लिए विज्ञापन निकाला। इसके बाद परीक्षा हुई और फिर परिणाम आया। परिणाम आने के बाद आयोग की नींद टूटी और इस बात की आवश्यकता महसूस हुई कि क्या डिप्लोमाधारी छात्र वस्तुत: इंटरमीडिएट के समकक्ष हैं। ऐसा नहीं होने पर परिणाम पर सवाल उठने लगेगा। नियुक्ति से पहले पात्रता का सवाल उठ जाने से सफल छात्र सकते में हैं और विभागों में चक्कर लगा रहे हैं।

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मई में मांगी थी जानकारी

आयोग ने कार्मिक विभाग से इसी वर्ष मई में जानकारी मांगी थी कि क्या इंटरमीडिएट और आइटीआइ से पास छात्र शैक्षणिक रूप से समतुल्य माने जा सकते हैं। दो महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी कार्मिक ने इस संदर्भ में कोई दिशानिर्देश इस कारण से नहीं दिया है कि पूर्व में ही सभी विभागों को जानकारी दे दी गई थी।

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कुछ मामलों में समकक्ष हैं दोनों डिग्रियां

कार्मिक विभाग की ओर से पूर्व में जारी पत्र के अनुसार कुछ विभागों में नियुक्ति के लिए दोनों डिग्रियां समकक्ष मानी जा सकती हैं। खासकर साइंस स्ट्रीम की जहां जरूरत हो, वहां इंटरमीडिएट और डिप्लोमा एक समान होगा।

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कब-कब क्या-क्या

अप्रैल 2017 : विज्ञापन निकला। इसमें पात्रता का विस्तार से वर्णन था और इसी आधार पर अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड मिला।

8 अक्टूबर 2017 : परीक्षा हुई।

18 अप्रैल 2018 : परिणाम निकला। 1104 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया।

2-7 मई : साक्षात्कार की तिथि निर्धारित हुई लेकिन इसके पूर्व पात्रता पर सवाल उठाकर मामले को लटका दिया गया।

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