Move to Jagran APP

जगन्नाथ मेले में बह रही संगीत की फुहार

प्रख्यात लोकगीत गायिका डॉ नीतू नवगीत के गीतों पर भी श्रोता झूमते रहे। उसके बाद रांची कुंजबन की टीम ने मर्दानी झूमर पर खूब झुमाया।

By Edited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 11:50 AM (IST)
जगन्नाथ मेले में बह रही संगीत की फुहार
जगन्नाथ मेले में बह रही संगीत की फुहार

जागरण संवाददाता, रांची : पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग झारखंड सरकार एवं भारतीय लोक कल्याण संस्थान की ओर से मेले में रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन विभाग के सचिव मनीष रंजन व पद्मश्री मुकुंद नायक ने किया। 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विभाग के निदेशक अशोक कुमार के अलावे वरीय रंगकर्मी मधुमंसुरी हंसमुख, लाल प्रवीण नाथ शाहदेव, मेला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष चितरंजन शाहदेव और सचिव शिवेश सिंह, मनपूरन नायक, सुनील महतो और महावीर नायक उपस्थित थे। अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत और शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर और नगाड़ा बजाकर उद्घाटन किया।

loksabha election banner

कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए सास्कृतिक दलों ने एक से बढ़कर एक मनोरंजक प्रस्तुति दी। शुरुआत पटना से आए संगीत ग्रुप ने भोजपुरी का पारंपरिक लोकनृत्य से पेश किया। प्रख्यात लोकगीत गायिका डॉ नीतू नवगीत के गीतों पर भी श्रोता झूमते रहे। उसके बाद रांची कुंजबन की टीम ने मर्दानी झूमर पर खूब झुमाया। पश्चिम बंगाल आए दल मोरोमिया ने भी एक अलग तरह का झूमर पेश किया। मानभूम छऊ की प्रस्तुति हुई, जिसे प्रस्तुत किया खरसावा से आए दल नटराज कलाकेंद्र ने।

समाप्ति पर विभाग के सचिव ने कहा कि इस तरह के आयोजन से यहां की संस्कृति के सास्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान मिलेगी और कलाकारों को भी एक बड़ा मंच मिलेगा। धन्यवाद ज्ञापन चन्द्र देव सिंह ने किया। कार्यक्रम का संयोजक भारतीय लोक कल्याण संस्थान और मंच संचालन राजश्री ने किया। हर दिन यहां अलग-अलग प्रदेशों के कलाकार यहां कार्यक्रम पेश करेंगे।

मेले में बिक रहे पारंपरिक हथियार : मेले में पारंपरिक हथियार भी खूब बिकता है। पंजाब की तलवार और कटार भी बिका। चार सौ से लेकर एक हजार तक। परशु के साथ शिकार करने के औजार भी। मांदर, ढोल के अलावा मछली जाल, घरेलू सामान, लोहे के सामान, बर्तन, सौंदर्य प्रसाधन आदि खूब बिके। महिलाओं की काफी भीड़ रही।

बच्चों ने लिया झूलों का आनंद : मेल में छोटे-बड़े करीब तीस झूले लग रहे हैं। तरह-तरह के झूले हैं। खेल-तमाशों से बच्चों का खूब मनोरंजन हो रहा है। इस बार रेंजर झूला सबको आकर्षित कर रहा है। यहां गोलाकार कई झूले लगे हुए हैं, लेकिन रेंजर की बात अलग है। सर्वाधिक रोमांचित करने वाला झूला। पूरा 90 डिग्री पर यह झूल घूम जाता है। इसलिए, बच्चों के साथ बड़े भी रेंजर झूले का आनंद ले रहे हैं। मौत का कुआं का भी लोग आनंद ले रहे हैं।

मौसीबाड़ी में भगवान को लगा छिलका रोटी का भोग : मौसीबाड़ी में बलराम, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को सुबह सूजी हलवा का भोग लगा। रात में छिलका रोटी का। यहां खूब आवभगत हो रही है। मौसी के घर उनके आवभगत में कोई कोर कसर नहीं रखी जा रही है।

रविवार को दिन में उन्हें दाल, भात, सब्जी, खीर का भोग लगाया गया। रात 8.30 बजे छिलका रोटी आदि का भोग लगाने के बाद कपाट बंद किया गया। अब दर्शन-पूजन का सिलसिला नित्य 23 जुलाई तक चलेगा। जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति की ओर से मौसीबाड़ी में पूजा का कार्यक्रम संपन्न कराया जा रहा है। प्रधान पुजारी ब्रजभूषण नाथ मिश्रा और रामेश्वर पाढ़ी के सान्निध्य में अन्य पुजारी पूजन-आरती और प्रभु को भोग निवेदित कर रहे हैं।

घुरती रथ यात्रा 23 को : मौसी बाड़ी से 23 जुलाई को भगवान भाई-बहन संग रथारूढ़ हो वापस घर लौटेंगे। इस दिन घुरती रथ यात्रा मेला लगेगा।

भगवान का पूजन-आरती के बाद हजारों श्रद्धालु पुन: रथ का रस्सा खींच कर मुख्य मंदिर आएंगे। इसके बाद रथारूढ़ भगवान के विग्रहों को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.