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13 साल की नाबालिग के हाथ से चार माह की बच्ची को अगवा का प्रयास

रांची : राजधानी रांची में निर्मल हृदय से बच्चा बिक्री का प्रकरण सरगर्मी पर है। इसबीच एक चार माह की बच्ची को अगवा की कोशिश की गई। घटना गुरुवार की रात करीब 9:30 बजे की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 10:04 AM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 10:04 AM (IST)
13 साल की नाबालिग के हाथ से चार माह की बच्ची को अगवा का प्रयास
13 साल की नाबालिग के हाथ से चार माह की बच्ची को अगवा का प्रयास

फहीम अख्तर, रांची : राजधानी रांची में निर्मल हृदय से बच्चा बिक्री का प्रकरण सरगर्मी पर है। इसबीच एक चार माह की बच्ची को अगवा की कोशिश की गई। घटना गुरुवार की रात करीब 9:30 बजे की है। जानकारी के अनुसार शहजानंद चौक के बसंत बिहार के डी-46 में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर उमाकांत सुमन की चार माह की बच्ची को लेकर उनकी 13 वर्ष की साली सड़क पर घूम रही थी। इस दौरान उनकी पत्‍‌नी मिनाक्षी कुमारी दुकान पर थी। इसबीच स्कूटी सवार एक अज्ञात अपराधी पटेल चौक की ओर से वहां पहुंचा और साली से पूछा तुम्हारा घर कहां है। इसके बाद उसके साथ मारपीट की। मुंह दबा दिया और बच्ची को छीनकर अगवा करने की कोशिश की। बच्ची के शोर मचाने पर वहां बाइक से गुजर रहे दो युवकों ने पूछा क्या हो रहा और आगे बढ़े। इतने में अपराधी वहां से भाग निकला। बच्ची की शोर सुनकर मां मिनाक्षी वहां पहुंची और डायल 100 पर कॉल की। डायल 100 पर कॉल रिसीव करने वाले ने पूछा घटना कितनी देर पहली की है। इसपर मिनाक्षी ने बताया 15 से बीस मिनट बीत चुकी है, इसपर कहा गया कि देर से सूचना देने पर कोई फायदा नहीं है। यह कहते हुए कॉल काट दिया गया।

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पुलिस पहुंची और जांच के नाम पर की खानापूर्ति :

घटना के बाद मिनाक्षी ने कोलकाता की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने वाले पति उमाकांत सुमन को सूचना दी। सूचना पाकर उमाकांत ने गूगल पर अरगोड़ा थानेदार का नंबर ढूंढ़ा। नंबर मिलने के बाद अरगोड़ा थानेदार को इसकी जानकारी दी। अरगोड़ा थानेदार ने सूचना देने के बाद करीब दस मिनट के बाद अरगोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने जांच के नाम पर खानापूर्ति की। अगर पुलिस चाहती तो वायरलेस पर सूचना फ्लैश कर बच्ची को छीनने की दुस्साहस करने वाला पकड़ा जाता। मेरी बच्ची को अगवा कर लिया जाता तो हाथ मलने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।

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फिंगर प्रिंट लेने के लिए दोपहर में नहाई बच्ची :

बच्ची के पिता उमाकांत सुमन का कहना है रांची पुलिस केवल स्मार्ट पुलिसिंग के दावे करती है। जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मुझे लगा पुलिस मामले को गंभीरता से लेगी। बच्ची व मेरी साली के शरीर से अपराधी का फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही की। दूसरे दिन सुबह के समय पुलिस ने कॉल तक नहीं किया। पूरे परिवार के साथ वे खुद थाना गए और लिखित आवेदन दिया। इसके बाद मामला दर्ज किया गया।

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बच्ची छीनकर सीडब्ल्यूसी को सौंपना मकसद तो नहीं?

बच्चा बिक्री प्रकरण में पुलिस की दबिश बढ़ी है। हर बच्चे की बरामदगी की दिशा में कार्रवाई चल रही है। ऐसे में कोई ऐसा परिवार तो नहीं, जिसने निर्मल हृदय से बच्ची खरीदा हो। उस बच्ची को अपने पास रखते हुए दूसरी बच्ची को सौंपकर अपने मत्थे से आरोप हटाना चाह रहा हो। पुलिस इसकी गंभीरता से जांच करेगी, तो निश्चित तौर पर पूरा मामला सामने आएगा।

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'मामला गंभीर है। इस मामले में अगर लापरवाही बरती गई है, तो इसकी जांच करवाते हुए संबंधित दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'

अनीष गुप्ता, एसएसपी रांची।


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