Move to Jagran APP

सत्तापक्ष डालेगा दबाव, बाधित नहीं हो कार्यवाही

विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहेगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से एक-दूसरे को घेरने की तैयारी है। राज्य ब्यूरो, रांची : सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जनहित से जुड़े तमाम मसल

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 09:47 AM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 09:47 AM (IST)
सत्तापक्ष डालेगा दबाव, बाधित नहीं हो कार्यवाही
सत्तापक्ष डालेगा दबाव, बाधित नहीं हो कार्यवाही

विधानसभा का मानसून सत्र राज्य ब्यूरो, रांची : सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जनहित से जुड़े तमाम मसलों को लेकर चल रहे सीधे टकराव को देखते हुए विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार माना जा रहा है। विपक्ष जहां एकजुट होकर विभिन्न मसलों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है वहीं, सत्ता पक्ष ने भी विकास में रोड़ा अटकाने को लेकर विपक्ष को घेरने की तैयारी की है। सत्तापक्ष अपनी रणनीति को 16 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास में होने वाली एनडीए विधायक दल की बैठक में अंतिम रूप देगा। सत्तापक्ष इस बात का पूरा दबाव बनाएगा कि विधानसभा की कार्रवाई बाधित न हो।

loksabha election banner

भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को लेकर किए जा रहे विपक्ष के विरोध को सत्तापक्ष विकास में रोड़े के तौर पर लेगा और उन्हें उनकी भाषा में जवाब देगा। प्रश्न काल, ध्यानाकर्षण व वाद विवाद के दौरान सीधे मुद्दों पर बहस के लिए विपक्ष को चुनौती दी जाएगी। विकास से जुड़ी सवालों पर सरकार स्पष्ट जवाब देगी लेकिन यदि हंगामा हुआ तो विपक्ष पर उसी के अंदाज में पलटवार किया जाएगा। सीएनटी-एसपीटी के उल्लंघन को लेकर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को पूरे दस्तावेजों से साथ लपेटा जाएगा। ईसाई मिशनरियों द्वारा कराए जा रहे धर्मातरण और हाल ही में खूंटी में हुई घटना को लेकर विपक्ष की चुप्पी को भी पलटवार का हथियार बनाया जाएगा। सरना आदिवासी के हितों को लेकर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को भी विपक्ष के पलटवार के रूप में सत्ता पक्ष के विधायक इस्तेमाल करेंगे।

-----

स्पीकर ने तैयारी को लेकर की बैठकें विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने शुक्रवार को मानसून सत्र की तैयारियों को लेकर बैठकें की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यवाही के दौरान बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें। अधिकारी दीर्घा में भी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहें। सुरक्षा की तैयारियों को लेकर भी उन्होंने चर्चा की और प्रेस दीर्घा समिति संग भी विमर्श किया। बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी समेत तमाम वरीय अधिकारी मौजूद रहे।

-----------

सदन की कार्यवाही को बाधित करने से जनहित के मुद्दे प्रभावित होते हैं। अगर किसी मुद्दे या नीतिगत फैसले को लेकर विरोध है तो उसपर बहस की जा सकती है। विपक्ष को रचनात्मक सहयोग करना चाहिए। सदन का कीमती समय जनहित में उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हम विपक्ष के साथियों से आग्रह करेंगे कि इस दिशा में सकारात्मक सहयोग करें।

राधाकृष्ण किशोर

मुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल

------

लोकतंत्र में बहुमत का महत्व है। बहुमत को जिम्मेदारी का अहसास भी होना चाहिए। भाजपा ने कभी इस जिम्मेदारी को नहीं निभाया। जब विपक्ष अपनी बातें रखता है तो सत्तापक्ष का रवैया गैरजिम्मेदाराना होता है। ऐसी स्थिति में विपक्ष के पास विरोध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। सरकार अगर जनविरोधी नीतियां थोपने की कोशिश करेगी तो विरोध झेलना होगा। हमारे दबाव की वजह से कई फैसले वापस हुए।

कुणाल षाडंगी

सचेतक, झामुमो

-------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.