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प्रताड़ित कर रहे जिला शिक्षा अधीक्षक

रांची : झारखंड राज्य अवर शिक्षा सेवा संघ ने जिला शिक्षा अधीक्षकों पर अनावश्यक तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया है। निर्णय लिया गया कि संघ एक मांग पत्र के माध्यम से विभागीय प्रधान सचिव एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से मिलकर समस्याओं से अवगत कराएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 07:26 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 07:26 AM (IST)
प्रताड़ित कर रहे जिला शिक्षा अधीक्षक
प्रताड़ित कर रहे जिला शिक्षा अधीक्षक

रांची : झारखंड राज्य अवर शिक्षा सेवा संघ ने जिला शिक्षा अधीक्षकों पर अनावश्यक तौर पर परेशान एवं प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। रविवार को जिला शिक्षा परिसर कार्यालय में संघ की बैठक हुई। इसमें नियमावली में संशोधन, प्रोन्नति, एसीपी का लाभ, कार्य एवं दायित्व जैसे मुद्दों पर समीक्षा की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि संघ एक मांग पत्र के माध्यम से विभागीय प्रधान सचिव एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से मिलकर समस्याओं से अवगत कराएगा। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में राज्य कार्यकारिणी के अध्यक्ष रामप्रसाद महतो, उपाध्यक्ष जयप्रकाश वर्मा, महासचिव शेख आसिम, संयुक्त सचिव अनुराधा रानी, नवीन चंद्र झा सहित कार्यकारिणी के सभी सदस्य थे। इन बिंदुओं पर हुई चर्चा

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- प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों पर कार्य का बोझ निरंतर बढ़ता जा रहा है। लेकिन विभाग के किसी भी स्तर के पदाधिकारी सुनने व समझने को तैयार नहीं है।

- शिक्षा विभाग के छोटे-बड़े सभी कार्यो के लिए अकारण एकमात्र बीईईओ को जिम्मेदार बनाया जाता है। जबकि वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास होती है। इतना ही नहीं बड़ी गलती एवं अनियमितता भी इन्हें गलती का अहसास नहीं कराती है। विभाग हमेशा इनके कुकृतियों को नजरअंदाज करता रहा है।

- समग्र शिक्षा अभियान के तहत शून्य से प्लस टू विद्यालयों का कार्य बीईईओ को सौंपा जा रहा है। इसके लिए जिले के नोडल पदाधिकारी नहीं हैं। ऐसे में अनिश्चितता की स्थिति बनी है। बीईईओ का कार्य कक्षा आठ तक सीमित है। बिना अधिकार प्रदान किए विभाग अन्य कार्य के लिए दवाब बना रहा है।

- सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत विद्यालयों को सभी तरह की राशि अग्रिम तौर पर जिला द्वारा निर्गत की जाती है। इधर प्रखंड में अग्रिम दिखाते हुए सामंजन की नई परंपरा विकसित की गई है जो वित्तीय नियमावली का घोर उल्लंघन है।


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