चारा घोटाला मामले में पक्ष रखेंगे तीन न्यायमित्र
रांची : झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड के पहले मुख्य सचिव रहे वीएस दुबे, बिहार के पूर्व मुख्य सचिव अंजन
रांची : झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड के पहले मुख्य सचिव रहे वीएस दुबे, बिहार के पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, आइएएस सुखदेव सिंह, चारा घोटाले के जांचकर्ता सीबीआइ के एडिशनल एसपी ए के झा, पूर्व डीजीपी डीपी ओझा सहित सात लोगों केमामले में सुनवाई हुई। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने सीबीआइ कोर्ट के आदेश पर अगले सप्ताह तक रोक बरकरार रखा है। मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी। इससे पूर्व सीबीआइ की ओर से दाखिल याचिका में बदलाव के लिए एक आवेदन भी दिया गया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस मामले में पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता आशुतोष आनंद, निपुण बक्शी और कुमार वैभव को न्याय मित्र नियुक्ति किया है।
इसके लिए हाई कोर्ट ने पूर्व में महाधिवक्ता से सुझाव भी मांगा था। दरअसल निचली अदालत ने सीबीआइ को भी चारा घोटाले मामले की सही तरीके से जाच नहीं करने और प्रमुख आरोपी को सरकारी गवाह बनाने पर समन जारी किया है। इस आदेश के खिलाफ सीबीआइ ने भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। ऐसे में सीबीआइ खुद वादी और प्रतिवादी नहीं हो सकती है। इसलिए न्याय मित्र की नियुक्ति की गई है।
वहीं, चारा घोटाले के मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ कोर्ट ने उक्त सभी को सीआरपीसी की धारा 319 के तहत समन जारी किया है। सभी को यह बताने को कहा गया था कि इस मामले में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के कारण क्यों नहीं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। सभी लोगों ने सीबीआइ कोर्ट के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए सीबीआइ कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और सीबीआइ और सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
---