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माओवादियों ने ली बूढ़ा पहाड़ पर मुठभेड़ की जिम्मेदारी

मुठभेड़ में छह पुलिसकर्मियों की शहादत, चार पुलिसकर्मियों के जख्मी होने के मामले में एक सप्ताह बाद माओवादी सामने आए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 04 Jul 2018 02:55 PM (IST)
माओवादियों ने ली बूढ़ा पहाड़ पर मुठभेड़ की जिम्मेदारी
माओवादियों ने ली बूढ़ा पहाड़ पर मुठभेड़ की जिम्मेदारी

राज्य ब्यूरो, रांची। गढ़वा के खपरी महुआ में 26 जून को मुठभेड़ में छह पुलिसकर्मियों की शहादत, चार पुलिसकर्मियों के जख्मी होने के मामले में एक सप्ताह बाद माओवादी सामने आए हैं। एक ऑडियो जारी कर माओवादियों ने उक्त मुठभेड़ की जिम्मेदारी ली है और ऑडियो के माध्यम से ही अभियान में लगे जवानों को सरकार व प्रशासन तथा वरीय पदाधिकारियों के विरुद्ध भड़काया भी है। भाकपा माओवादी के कोयल शंख जोनल कमेटी के प्रवक्ता ने ऑडियो क्लिप जारी कर बताया है कि नक्सल विरोधी अभियान में सीआरपीएफ, कोबरा, जगुआर के जवान लगे हुए हैं।

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इसमें जवानों को भी नुकसान झेलना पड़ता है। दोनों ही परिस्थितियों में सफेदपोश व पूंजीपति लाभान्वित हो रहे हैं। माओवादियों ने ऑडियो में बताया है कि 26 जून को पुलिस के अभियान 'घेरा डालो, डेरा डालो' को परास्त करने के लिए ही माओवादियों ने पुलिस पर फायरिंग की। इस घटना को माओवादियों के पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के नक्सलियों ने अंजाम दिया था। इसमें गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के बूढ़ा पहाड़ गांव के माओवादी विजय उर्फ शेखर बिरिजिया मारा गया था।

माओवादियों ने अपने बयान में कहा है कि इससे माओवादियों का मनोबल कमजोर नहीं हुआ है। इस तरह की लड़ाई कराकर राज्य व केंद्र सरकार जल जंगल जमीन को विदेशी कंपनियों के हाथ में बेचना चाहती है और आदिवासियों को जल-जंगल व जमीन से वंचित करने की साजिश रच रही है।


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