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यूट्यूब पर रिलीज हुई तोर प्यार में फिल्म की ट्रेलर

जागरण संवाददाता, रांची : केंद्रीय सरना समिति के कार्यालय में शुक्रवार को नागपुरी फिल्म तोर प्यार में

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 05:30 PM (IST)
यूट्यूब पर रिलीज हुई तोर प्यार में फिल्म की ट्रेलर

जागरण संवाददाता, रांची : केंद्रीय सरना समिति के कार्यालय में शुक्रवार को नागपुरी फिल्म तोर प्यार में के ट्रेलर को यूट्यूब पर रिलीज किया गया। इस मौके पर समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, कार्यकारी अध्यक्ष बब्लू मुंडा और मुख्य सचिव संजय तिर्की मौजूद थे। फिल्म के मुख्य कलाकार विनोद महली ने बताया कि इसके पहले तोर बिना की सफलता के बाद महली फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले दूसरी फिल्म बन कर तैयार है।

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इस फिल्म के निर्देशक प्रतीम लोहार हैं, संगीत निर्देशक सिद्धार्थ राय और मनोज राय हैं। केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बब्लू मुंडा ने कहा कि समिति हमेशा राज्य की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य करती रही है। पिछली बार की तरह इस बार भी तोर प्यार में फिल्म के प्रमोशन में समिति कलाकारों के साथ है। वहीं महासचिव संजय तिर्की ने सरकार से मांगा कि कलाकारों को बढ़ावा दिया जाए राज्य की संस्कृति को बचाने के लिए कलाकारों का मनोबल बढ़े।

बहुत लिख लिया दर्द, अब लिखना चाहती हूं प्रेम :

राष्ट्रीय महिला काव्य मंच, झारखंड इकाई की ओर से शुक्रवार को मोरहाबादी में नंदा जी के आवास पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में शहर की जानी-मानी कवयित्रियों ने अपनी मधुर कविताओं और गीतों का पाठ किया। गोष्ठी की शुरुआत में कवयित्री वीना श्रीवास्तव के स्वागत से हुई।

संगीता सहाय ने सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आगाज किया। निर्मला सिंह ने उंगली कभी आप पर, कभी मुझ पर उठा दोगी सुनाई। इसके बाद कृष्णा श्रीवास्तव ने मुट्ठी भर बचपन/ कब मुट्ठी से निकल गया/ गुमां न हुआ पेश की। संगीता सहाय ने फिर आ गया प्यार का मौसम/मीठे अहसास का मौसम सुनाया। नंदा पाडेय ने बहुत लिख लिया दर्द/ अब लिखना चाहती हूं प्रेम सुनाकर सबको मुग्ध कर दिया। रेणु झा ने एक लोकगीत सुनाई।

इसके बाद कविता..कब थमेगा खौफ का मंजर। संध्या चौधरी, दीप्ति गुप्ता, प्रतिमा त्रिपाठी, डॉ संगीता कुमारी ने भी काव्यपाठ कर मंत्रमुग्ध कर दिया। सत्या कीर्ति शर्मा ने एक खत खुद के नाम और पूनम रानी तिवारी ने मैं अबला, असहाय नहीं हूं/ और नहीं लाचारी हूं सुनाया। अध्यक्षता कर रहीं सारिका भूषण ने अपनी एक लघुकथा सर्दी और कविता तुम नमक हो मेरी जिंदगी में/ तुम्हारा नमकीन होना मुझे अब अच्छा लगता है सुना कर खूब वाहवाही लूटी। वीना श्रीवास्तव ने अबकी बारिश में/ यादों के बादलों से होगी/ तुम्हारे सपनों की बारिश सुनाई। अंत में नंदा पाडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


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