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पारा शिक्षक हत्याकांड मामले में विधायक एनोस एक्का दोषी, 3 जुलाई को सुनाई जाएगी सजा

हत्या, साक्ष्य को छुपाने, हत्या के उद्देश्य से अपहरण करने तथा चुनाव अवधि में राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपराध करने के साथ-साथ 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया पाया गया है।

By Edited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 03:06 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 03:28 PM (IST)
पारा शिक्षक हत्याकांड मामले में विधायक एनोस एक्का दोषी, 3 जुलाई को सुनाई जाएगी सजा

रांची, जेएनएन : एडीजे नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री सह वर्तमान में कोलबिरा विधायक एनोस एक्का को दोषी करार दिया है। उन्हें आईपीसी की धारा 302, 201, 364ए तथा 171एफ के तहत क्रमश: हत्या, साक्ष्य को छुपाने, हत्या के उद्देश्य से अपहरण करने तथा चुनाव अवधि में राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपराध करने के साथ-साथ 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया पाया गया।

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कोर्ट ने उपरोक्त मामले में सजा के लिए 3 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। विदित हो कि वर्ष 2014 में 26 नवंबर को पारा शिक्षक मनोज कुमार को उनके स्कूल से अगवा कर लिया गया था। बाद में उसका शव दूसरे दिन स्कूल के समीप से बरामद हुआ था। पुलिस ने इस मामले में 26 नवंबर की रात में करीब डेढ़ बजे कोलेबिरा विधायक एनोस एक्का को उनके ठाकुरटोली आवास से गिरफ्तार किया था। दरअसल पुलिस ने पूर्व से ही पीएलएफआई उग्रवादी विक्त्रम उर्फ बारूद गोप के मोबाइल नंबर को सर्विलास पर रखा था।

इसी क्रम में घटना वाले दिन विधायक एनोस एक्का ने मोबाइल से विक्त्रम गोप से बात करते हुए उससे पारा शिक्षक की हत्या की जिम्मेवारी लेने को कहा था। पुलिस ने इसे आधार मानकर विधायक की गिरफ्तार की। साथ ही कोर्ट में भी मजबूत साक्ष्य के रूप में पेश किया। बाद में विधायक ने न सिर्फ पुलिस अनुसंधान में वॉयस सैंपल देने से इंकार किया। बल्कि न्यायालय के आदेश के बावजूद उन्होंने वॉयस सैंपल नहीं दिया।इसके बाद पुलिस गिरफ्त में आए विक्त्रम गोप ने सरकारी गवाह बनने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बाद में विधायक एनोस एक्का के वकील ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हांलाकि हाई कोर्ट ने नीचले अदालत के द्वारा विक्त्रम को सरकारी गवाह बनाए जाने को सही ठहराया। इसी आलोक में गत 5 जून 2018 को विक्त्रम गोप का होटवार जेल से विसी के माध्यम से बयान दर्ज कराया गया, लेकिन वह सरकारी गवाह बनकर भी घटना के प्रति अनभिज्ञता जाहिर की। इस प्रकार उसने क्षमादान शर्त का भी उल्लंघन किया। अब उसके विरुद्ध भी विधिवत ट्रायल चलेगा। इसके बाद कोर्ट ने अन्य साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर विधायक एनोस एक्का को दोषी करार दिया। इस दौरान विधायक एनोस एक्का को भी विसी के माध्यम से होटवार जेल से पेश किया गया।

उपरोक्त मामले में अब 3 जुलाई को कोर्ट सजा सुनाएगी। जानकारों की मानें उपरोक्त मामलें में विधायक को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। इस परिस्थिति में उनकी विधायक का पद जाना तय है। इधर कोर्ट में एपीपी सुभाष प्रसाद ने दलीलें एवं साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता शमीम अख्तर, भूषण सिंह एवं बसंत प्रसाद ने पक्ष रखा। इधर मौके पर कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। एसडीपीओ अमित कुमार सिंह एवं अन्य पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ जवान भी मौजूद थे।


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