11 साल की उम्र में बने गुरु, अकाल तख्त का कराया निर्माण
रांची में गुरु हरगोविंद सिंह जयंती पर विशेष दीवान सजाया गया, सबद कीर्तन हुआ। शाम को लोगों ने जमकर लंगर छका।
रांची
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में सिखों के छठे गुरु और मीरी पीरी के मालिक गुरु हरगोबिंद सिंह महाराज का पावन प्रकाशोत्सव शुक्रवार को मनाया गया।
इस अवसर पर सुबह आठ बजे से कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में विशेष दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत आसा दी वार कीर्तन से हुई। इसके बाद गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने गुरु महाराज की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए साध संगत को बताया कि छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब गुरु अर्जुन देव महाराज की इकलौती संतान थे। मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपने पिता से गुरु की उपाधि प्राप्त कर ली थी। उन्होंने ही अमृतसर में श्री अकाल तख्त का निर्माण करवाया था। अपने जीवनकाल में उन्होंने बुनियादी मानव अधिकारों के लिए कई लड़ाइया लड़ीं।
हुजूरी रागी भाई भरपूर सिंह और साथियों ने जमया पूत भगत गोविंद का..घर आया पीर मेरा..जैसे कई शबद गायन कर संगत को निहाल किया।
इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने समूह साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी तथा गुरुनानक सेवक जत्था के 62 श्रद्धालुओं के श्री हेमकुंड साहिब जी तथा अन्य गुरुधामों की सफल यात्रा पूरी कर रांची वापस आने पर बधाई दी।
आनंद साहिब जी के पाठ, हुक्मनामा और अरदास के साथ दीवान की समाप्ति 10.30 बजे हुई। समापन पर कढ़ाह प्रसाद बाटा गया और मिस्सी रोटी का अटूट लंगर चला। संचालन मनीष मिढ़ा ने किया। दीवान में जयराम दास मिढ़ा, द्वारका दास मुंजाल, चरणजीत मुंजाल, हरगोबिंद गिरधर, अर्जुन दास मिढ़ा, सुंदर दास मिढ़ा, नरेश पपनेजा, दीवान मिढ़ा, अशोक गेरा, दीनदयाल काठपालिया, मोहन लाल अरोड़ा, महेश सुखीजा, प्रेम मिढ़ा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, गुलशन मिढ़ा, लक्ष्मण दास मिढ़ा, पवन खत्री, जीवन मिढ़ा, आशु मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, अनूप गिरधर, लक्ष्मण सरदाना, हरीश मिढ़ा, प्रेम सुखीजा, रमेश गिरधर, राजेंद्र मक्कड़, मोहन काठपाल, अजय धमीजा, रमेश तेहरी, नवीन मिढ़ा, नीरज गखड़, बसंत काठपाल, विनोद सुखीजा, जितेंद्र मुंजाल, हरजीत मक्कड़, सुभाष मिढ़ा, हरजीत बेदी, लक्ष्मण अरोड़ा, पुरुषोत्तम सरदाना, कमल मुंजाल, कमल अरोड़ा, रौनक ग्रोवर, सूरज झडई, अमन डावरा, बीबी प्रीतम कौर, गीता कटारिया, शीतल मुंजाल, बबली मिढ़ा, बलबीर मिढ़ा, तीर्थी काठपालिया, मनौरी काठपाल, बिमला मिढ़ा, इंदु पपनेजा, नीता मिढ़ा, रेशु गिरधर आदि शामिल थे।