विधायक पौलुस सुरीन को हाई कोर्ट से मिली राहत
कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड में विधायक की अग्रिम जमानत याचिका की मंजूर।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट से तोरपा विधायक पौलुस सुरीन को राहत मिल गई है। जस्टिस एबी सिंह की कोर्ट ने गुरुवार को दोहरे हत्याकांड में 15-15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर पौलुस सुरीन को अग्रिम जमानत देने का निर्देश दिया है।
हालांकि विधायक को निचली अदालत में 15 दिनों के अंदर सरेंडर कर जमानत लेनी होगी। कोर्ट ने मामले के अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया कि वो विधायक सुरीन का बयान दर्ज कराने के लिए 96 घंटे का समय देते हुए नोटिस जारी करें, ताकि विधायक अपना बयान दर्ज करा सकें।
गुरुवार को खूंटी एसपी को अदालत में हाजिर होना था, लेकिन कानून व्यवस्था की समस्या होने के कारण खूंटी एसपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। उनकी जगह पर तोरपा के एसडीपीओ व जांच अधिकारी कोर्ट में हाजिर हुए।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व में जांच के दौरान विधायक पौलुस सुरीन पर केस सत्य नहीं हो रहा है, लेकिन 20 जून 2017 को नक्सली जेठा कच्छप के दर्ज बयान में ठेकेदार भूषण सिंह हत्याकांड में विधायक के शामिल होने की बात सामने आई। जिसके बाद अगस्त 2017 में विधायक के खिलाफ निचली अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कराया गया।
कोर्ट ने आइओ से जानना चाहा कि अग्रिम जमानत याचिका के लंबित रहने के दौरान विधायक पौलुस सुरीन थाने जाकर अपना बयान दर्ज कराया है या नहीं?। जांच अधिकारी ने कहा कि विधायक थाने तो आए थे, लेकिन उनका बयान दर्ज नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने जांच अधिकारी को 96 घंटे का समय देते हुए विधायक को पूछताछ के लिए नोटिस देने का निर्देश दिया।
वहीं, विधायक की ओर से अधिवक्ता जेजे सांगा ने कोर्ट को बताया कि पौलुस सुरीन मामले की जांच में सहयोग करेंगे और शिकायत का मौका नहीं देंगे। इसके बाद कोर्ट ने विधायक पौलुस सुरीन को अग्रिम जमानत की अर्जी मंजूर कर ली।
यह है मामला :
वर्ष 2013 में ठेकेदार भूषण सिंह पर एक महिला के साथ रेप करने का आरोप लगा था। आरोपित भूषण सिंह की गिरफ्तारी के लिए विधायक ने कर्रा में धरना दिया था। इसी बीच नक्सलियों ने ठेकेदार भूषण सिंह व रामगोविंद सिंह की हत्या कर दी थी। जिसके बाद भूषण की बहन ने पौलुस पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया।