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राष्ट्र और राष्ट्रप्रेम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आज से

राष्ट्र और राष्ट्रप्रेम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मंगलवार से आड्रे हाउस में किया जा रहा है। जहां पर बुद्धिजीवी अपने विचार रखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 07:38 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 07:38 AM (IST)
राष्ट्र और राष्ट्रप्रेम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आज से
राष्ट्र और राष्ट्रप्रेम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आज से

रांची : राष्ट्र और राष्ट्रप्रेम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मंगलवार से आड्रे हाउस में किया जा रहा है। आयोजन रांची विवि के जनजातीय एवं क्षेत्रीय विभाग, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्यविभाग, कल्याण विभाग और डॉ. रामदयाल मुंडा शोध संस्थान द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन विभाग के मंत्री अमर बाउरी करेंगे। कार्यक्रम में रांची विवि के कुलपति रमेश पांडेय भी होंगे। स्वागत भाषण सचिव मनीष रंजन देंगे। विषय प्रवेश जनजातीय विभाग के अध्यक्ष टीएप साहू कराएंगे। इसके बाद परिचर्चा होगी। अध्यक्षीय उद्बोधन नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष बलदेवभाई शर्मा देंगे। अगले दिन लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल संग्रहालय के निदेशक एके दास, पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, भोपाल संग्रहालय के निदेशक अनिल कुमार व संग्रहालय के अध्यक्ष अशोक मित्रा भाग लेंगे। संध्या संजय लाल की टीम एक शहीद की पुकार नाटक का मंचन करेगी।

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विभाग के सचिव मनीष रंजन, निदेशक रणेंद्र कुमार ने बताया कि झारखंड में 32 जनजातियां रहती हैं। नौ प्रमुख यहां की भाषा है। इन भाषाओं में राष्ट्र और राष्ट्र प्रेम को लेकर क्या रचना हुई है, इसे सामने लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संताली, कुड़ुख, मुंडारी, हो, खड़िया, नागपुरिया, खोरठा, कुरमाली व पंचपरगनिया के साहित्य में राष्ट्र एवं राष्ट्रप्रेम पर कई सत्रों में चर्चा होगी। पहले दिन इन भाषाओं के वरिष्ठ विद्वान परिचर्चा में भाग लेंगे। रणेंद्र ने कहा कि आदिवासी साहित्य भी समृद्ध है। यह हाशिया का साहित्य नहीं है। इनमें भी जो रचा गया है, वह सबके सामने आए, नए लेखकों को मंच मिले। इन दो दिनों के सत्र में पुस्तकों का लोकार्पण भी होगा। लोकार्पित पुस्तकों से पाठ भी किया जाएगा। शोधार्थी भी भाग लेंगे और शोध पत्र पढ़ेंगे। इस मौके पर पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगेगी।


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