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अवैध वसूली में लगी 17 कंपनियों की कुंडली खंगालेगी झारखंड सरकार

पुलिस ने 17 कंपनियों को न सिर्फ चिह्नित किया है, बल्कि उसे नामजद अभियुक्त बनाया है। इन कंपनियों की कुंडली खंगाले जाने की तैयारी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 02:29 PM (IST)
अवैध वसूली में लगी 17 कंपनियों की कुंडली खंगालेगी झारखंड सरकार
अवैध वसूली में लगी 17 कंपनियों की कुंडली खंगालेगी झारखंड सरकार

विनोद श्रीवास्तव, रांची। कोल व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से सालाना अरबों रुपये की लेवी वसूलने की बात झारखंड के लिए कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। इससे इतर लेवी के पैसों से संबंधित तत्वों द्वारा कंपनियां खोलने और अप्रत्यक्ष रूप से उसके संचालन की खबर ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है। पुलिस ने सिर्फ चतरा जिले के टंडवा में ऐसी छोटी-बड़ी 17 कंपनियों को न सिर्फ चिह्नित किया है, बल्कि उसे नामजद अभियुक्त बनाया है। इन कंपनियों की कुंडली खंगाले जाने की तैयारी है।

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टंडवा के सहायक पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने महानिरीक्षक (निबंधन) को इस आशय का पत्र लिखा है। पत्र में अनुसंधान के दृष्टिकोण से संबंधित कंपनियों के खाते, पैन नंबर, आधार नंबर और इनकम टैक्स रिटर्न की विस्तृत जांच कराने का अनुरोध किया है। बहरहाल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पत्र के आलोक में उप निबंधन महानिरीक्षक, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने चतरा समेत राज्य के सभी जिला अवर निबंधक और अवर निबंधकों को पत्र लिखकर इसकी पड़ताल शुरू करने का निर्देश दिया है। पुलिस का मानना है कि पड़ताल के बाद लेवी वसूलने और कंपनी चलाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होगा। इन अवैध कारोबारियों के तार न सिर्फ झारखंड के अन्य जिलों बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं।

इधर, टंडवा स्थित आम्रपाली कोयला परियोजना से अवैध वसूली के मामले में पुलिस ने कांड संख्या 22/18 में हाल के महीने में 53 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) नामक उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल सिंह भोगता उर्फ सरदार, सेकेंड चीफ आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू के अलावा संगठन के लगभग डेढ़ दर्जन अन्य उग्रवादियों के नाम शामिल हैं। अन्य आरोपियों में संबंधित क्षेत्रों के ग्रामीण हैं। पुलिस सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जुटा रही है, जिसे जब्त करने की दिशा में कार्रवाई संभावित है।

पुलिस ने इन कंपनियों को बनाया अभियुक्त
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प्रति टन 265 रुपये की वसूली, सालाना 250 करोड़ की चोट
जानकार सूत्रों के अनुसार उग्रवादी संगठन टीएसपीसी ने आम्रपाली कोल परियोजना में ग्रामीणों को मिलाकर शांति सह संचालन समिति का गठन किया था। समिति के माध्यम से प्रति दिन प्रति टन 265 रुपये की वसूली होती थी। एक दिन की बात करें तो औसतन 20 से 25 हजार टन कोयला का परिवहन इस परियोजना से होता था। इस तरह समिति के माध्यम से टीएसपीसी कोयला व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से सालाना 241 करोड़ 81 लाख रुपये की अवैध वसूली करता था। दिसंबर 2017 में नए एसपी के रूप में अखिलेश बी वारियर के योगदान के बाद इसपर लगाम लगाने की कोशिश में ही उग्रवादियों समेत 53 ग्रामीणों पर मुकदमा किया गया।


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