Move to Jagran APP

सीआरएम रिपोर्ट ने दिखाया स्वास्थ्य को आईना

विभिन्न स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष डॉक्टर नहीं, लेबर रूम प्रोटोकॉल तथा कोल्ड चेन मैनेजमेंट सही नहीं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 01:43 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 01:43 PM (IST)
सीआरएम रिपोर्ट ने दिखाया स्वास्थ्य को आईना
सीआरएम रिपोर्ट ने दिखाया स्वास्थ्य को आईना

नीरज अम्बष्ठ, रांची : केंद्र के 11वीं कॉमन रिव्यू मिशन की रिपोर्ट ने राज्य सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आईना दिखाया है। केंद्रीय टीम ने राज्य के दो जिलों पूर्वी सिंहभूम तथा पाकुड़ के स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है जिसमें राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में कई कमिया गिनाई गई हैं। पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में राज्य के पदाधिकारियों के समक्ष यह रिपोर्ट रखते हुए इसकी अनुशंसाओं को लागू करने का निर्देश दिया गया।

loksabha election banner

सीआरएम की टीम ने विशेष रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली की बात उठाई है। उसकी रिपोर्ट के अनुसार, दोनों जिलों में अधिसंख्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी तरह उपेक्षित थे। इन स्वास्थ्य केंद्रों में मानव संसाधन की भारी कमी थी। डॉक्टरों के अभाव के कारण बड़ी संख्या में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एएनएम के भरोसे थे।

महिला स्वास्थ्य की बात करें तो दोनों जिलों में एंटी नेटल चेकअप सर्विसेज सीएचसी स्तर पर तो उपलब्ध थे, लेकिन पाकुड़ में विलेज हेल्थ एंड न्यूट्रीशन डे पर रूटीन एएनसी टेस्ट नहीं हो रहा था। दोनों जगहों पर कैल्सियम, अल्बेंडाजोल दवा, हाई रिस्क प्रिग्नेंसी लिस्ट तथा अल्ट्रासाउंड सर्विसेज उपलब्ध नहीं थे। दोनों जिलों में लेबर रूम प्रोटोकॉल तथा कोल्ड चेन मैनेजमेंट सही नहीं पाए गए। मेडिकल कचरे के निष्पादन के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं में हुए कुछ बेहतर काम को भी अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है।

डेंटल एक्सरे की सुविधा नहीं :

नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम के तहत पूर्वी सिंहभूम और पाकुड़ दोनों सदर अस्पतालों में डेंटल क्लिनिक क्रियाशील तो थे, लेकिन दोनों जगह मात्र एक-एक डेंटल चेयर उपलब्ध थे। दोनों जगहों पर डेंटल एक्सरे की सुविधा बहाल नहीं थी। हालांकि जमशेदपुर सदर अस्पताल में हाल ही में डेंटल सर्जन बहाल हुए थे, जिनके द्वारा माइनर बीमारियों का इलाज किया जा रहा था। दोनों जिलों में सीएचसी स्तर पर डेंटल केयर यूनिट स्वीकृत नहीं थे।

ये कमियां भी गिनाई :

- नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थ केयर ऑफ इल्डरली के तहत दोनों जिलों के सदर अस्पतालों में जेरियाट्रिक वार्ड की स्थापना नहीं हो सकी थी।

- दोनों जिलों में पर्याप्त वेयर हाउस नहीं थे। रांची में सात वेयर हाउस हैं, जिनमें दो झारखंड मेडिकल हेल्थ कारपोरेशन के जिम्मे तथा शेष केंद्र से मिलनेवाली दवा के स्टोरेज के लिए उपलब्ध हैं।

- दोनों जिलों में ब्लड बैंक और ब्लड स्टोरेज यूनिट की व्यवस्था नहीं थी। पूर्वी सिंहभूम में ब्लड की उपलब्धता के लिए रेड क्रास सोसाइटी के साथ टाइअप था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.