Move to Jagran APP

तालाब में परिवर्तित हुआ टीबी सेनेटोरियम डैम

रांची : शहरी आबादी को जलापूर्ति के लिए राजधानी में तीन डैम मौजूद हैं। गोंदा, हटिया व रूक्का। जबकि क

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 08:03 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 08:03 AM (IST)
तालाब में परिवर्तित हुआ टीबी सेनेटोरियम डैम
तालाब में परिवर्तित हुआ टीबी सेनेटोरियम डैम

रांची : शहरी आबादी को जलापूर्ति के लिए राजधानी में तीन डैम मौजूद हैं। गोंदा, हटिया व रूक्का। जबकि कालांतर में वर्ष 1951 में रामकृष्ण टीबी सेनेटोरियम के लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने तुपुदाना में डैम का निर्माण कराया था। हालांकि कई एकड़ में फैला डैम अब तालाब में परिवर्तित हो चुका है। उन दिनों टीबी सेनेटोरियम का निर्माण भी नहीं हुआ था। फिर भी इस संस्थान को जलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जनहित में यह कार्य किया गया था। टीबी सेनेटोरियम का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद वर्ष 1958 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने रामकृष्ण टीबी सेनेटोरियम अस्पताल का उद्घाटन किया था। टीबी से ग्रसित मरीजों के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए घने जंगलों के बीच प्राकृतिक वातावरण में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था। डैम का निर्माण अस्पताल परिसर में रहने वाले मरीजों व अस्पताल कर्मियों की सुविधा के लिए कराया गया था। हालांकि शहरीकरण के साथ डैम के इर्द-गिर्द स्थित जंगल सिमटते गए। किसानों की खेती-बारी भी पूर्व की अपेक्षा घटती गई। डैम में जल संचयन के लिए रांची-खूंटी मार्ग पर तुपुदाना के समीप पुल का निर्माण भी कराया गया था, ताकि बालसि¨रग, सतरंजी होते हुए बारिश का पानी पुल के नीचे से होते हुए सीधे डैम में पहुंच सके। हालांकि झारखंड निर्माण के बाद ¨रग रोड के निर्माण से डैम में पहुंचने वाले पानी का मार्ग बंद हो गया। ¨रग रोड रोड के किनारे कंक्रीट का जाल बिछ गया। प्राकृतिक जलस्रोत, जैसे चुआं आदि विलुप्त हो गए। डैम का जलस्तर भी दिनोंदिन घटता गया। डैम में पहुंचने वाले पानी की मात्रा दिनोंदिन घटती गई। इसी डैम के ऊपरी हिस्से में वन विभाग ने चुकरू गांव के समीप चेक डैम का निर्माण करा दिया है, जिसके कारण डैम में पहुंचने वाले पानी का मार्ग अवरूद्ध हो गया है। 2016-17 में इस डैम का जलस्तर काफी कम हो गया था। रामकृष्ण मिशन ने डैम की सफाई कराकर गाद व गंदगी आदि निकलवाए। फिर भी डैम का वास्तविक स्वरूप नहीं बदल पाया। इन दिनों डैम के आसपास की जमीन की बिक्री हो चुकी है। बढ़ती जनसंख्या आशियाना की तलाश में डैम के किनारे तक पहुंच चुकी है। हरे-भरे खेतों में अनगिनत मकानों का निर्माण हो चुका है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.