Move to Jagran APP

पटरी पर सदिग्ध अवस्था मे मिला बानो स्टेशन मास्टर का शव

सिमडेगा में बानो स्टेशन मास्टर का शव पटरी पर संदिग्ध अवस्था मे मिला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 02:37 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 02:37 PM (IST)
पटरी पर सदिग्ध अवस्था मे मिला बानो स्टेशन मास्टर का शव
पटरी पर सदिग्ध अवस्था मे मिला बानो स्टेशन मास्टर का शव

जासं, बानो: बानो रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर सतीश भगत का शव जीआरपी पुलिस रेल लाईन तीन के पटरी पर सदिग्ध आवस्था मे मिला। बुधवार की सुबह शव गर्दन से कटी हुई पोल नंबर 518/ 4 मे स्टेशन से सौ मीटर की दूरी पर पड़ी मिली। सतीश भगत के पटरी पर शव मिलने के बाद से स्टेशन मे सनसनी फैली गयी। शव देखने के लिए रेलवेकर्मी व ग्रामीणो की भीड़ लग गयी। घटना के संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सतीश भगत बानो रेलवे स्टेशन के इंजार्ज है। दिन को डुयुटी के बाद आवास चल गये थे। अत: सुबह मे लोगों ने पटरी पर शव को देखा। इसके बाद घटना की जानकारी आरपीएफ व जीआरपी पुलिस बानो को दी गई। जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए बानो सामुदायिक स्वास्थय केंद्र के एबुलेंस से राची रिम्स भेजा दिया।

loksabha election banner

प्रथम दृष्टया से आत्महत्या प्रतीत :

प्रथम दृष्टया देखने से आत्महत्या का लगता है। आदजा लगाया जा रहा है कि रात मे तीन बजे घर से निकले तीन नंबर लाईन मे स्टेशन से सौ मीटर दूर पटरी मे सो कर आत्महत्या कर ली। घटना मे सर धड़ से अलग हो गया।

शव को देखने से कई सवाल लोगो के जेहन मे है। हत्या का भी मामला हो सकता है। शव उबड़ी हालत मे पाया गया। शव के आसपास रेल लाईन के किनारे गिट्ठी भी इधर उधर नही हुआ है। ना ही किसी प्रकार छटपटाने का चिन्ह है। पुलिस हत्या या फिर आत्महत्या दोनो पहलुओ पर जाच कर रही है। पुलिस सतीश के मोबाईल को कब्जे मे लेकर कॉल डिटेल से घटना के कारणों के बारे पता लगाने की कोशिश कर रही है।

राची मे घर बना कर परिवार के साथ रह रहे थे सतीश :

गुमला जिले के डुमरी डोडयाटोली के रहने वाले सतीश राची मे घर बनाकर रह रहे थे। बानो मे सरकारी आवास मे अकेले रहते थे। राची में उनकी पत्‍‌नी के आलवा दो जुड़वा बेटी है। हमेशा हसमुख प्रवृति के रहने वाले सतीश स्टेशनकर्मी के अलावा जनता के भी प्रिय थे। घटना से सभी लोग अंचभित है। जिसने भी घटना के बारे सुना सभी लोग स्टेशन की ओर दौड़ते चले गये। पाच महीने पूर्व ही बानो स्टेशन का इंजार्ज के रूप मे योगदान दिया था। इससे पूर्व दो वर्ष महाबुआग मे स्टेशन मास्टर के रूप मे कार्यरत थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.