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शाम के शिफ्ट में नजर नहीं आए सीनियर डॉक्टर

रांची : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में शाम में सीनियर डॉक्टर नहीं रहते हैं, इस बात की पुष्टि एच्च अधिकारियों के निरीक्षण के क्रम में हुई। रिपोर्ट तैयार कर विभ्ीाग की प्रधान सविन निधि खरे को सौंपी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 08:23 AM (IST)
शाम के शिफ्ट में नजर नहीं आए सीनियर डॉक्टर
शाम के शिफ्ट में नजर नहीं आए सीनियर डॉक्टर

रांची : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में शाम में सीनियर डॉक्टर नहीं रहते हैं, इसकी पुष्टि मंगलवार को उच्चाधिकारियों के निरीक्षण से हो गई। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह, रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ.आरके श्रीवास्तव, उपनिदेशक गिरिजा शंकर प्रसाद एवं अन्य अधिकारियों ने मंगलवार की दोपहर 3.30 से शाम 5.30 बजे तक रिम्स में औचक निरीक्षण किया। उन्होंने इमर्जेसी वार्ड, ब्लड बैंक एवं मेडिसीन वार्ड का निरीक्षण किया। इस क्रम में कोई भी सीनियर डॉक्टर उपस्थित नहीं मिले।

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अधिकारियों ने संबंधित चिकित्सकों को फोन भी लगवाया। लेकिन, कॉल रीसिव नहीं हो सका। इसके पश्चात अधिकारियों ने निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट राज्य सरकार की स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे को भेजी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि हाल में जूनियर डॉक्टरों-नर्सो एवं मरीज के परिजनों के बीच झड़प तथा मारपीट की कई घटनाएं घटी हैं। इसका एक प्रमुख कारण वार्ड में सीनियर डॉक्टरों का नहीं होना बताया गया है। मरीजों के परिजनों द्वारा अक्सर सही इलाज नहीं होने या फिर लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाया जाता रहा है। झड़प के बाद अस्पताल में हड़ताल हुई। कई मरीजों ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इससे रिम्स की छवि खराब हुई है। व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार गंभीर है। सूत्रों के अनुसार आगे भी औचक निरीक्षण किया जाएगा।

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शाम में गायब रहने के पीछे निजी प्रैक्टिस

रांची : रिम्स में सुबह के शिफ्ट में ही सीनियर डॉक्टर नजर आते हैं। शाम में अक्सर वे गायब रहते हैं। कई बार शिकायतें मिल चुकी हैं कि शाम के शिफ्ट में ड्यूटी छोड़कर कई सीनियर डॉक्टर अपनी निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं। कुछ चिकित्सक तो रिम्स में आए मरीजों को भी निजी क्लिनिक में आने के संकेत देते हैं। इमरजेंसी जैसी अति महत्वपूर्ण ड्यूटी को भी वे नजरअंदाज करते हैं, जबकि रिम्स में कार्यरत डॉक्टरों के लिए निजी प्रैक्टिस प्रतिबंधित है। आम तौर पर शाम का शिफ्ट पीजी डॉक्टरों के भरोसे ही रहता है। व्यवस्था में सुधार के लिए लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई गई है।


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