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सुदेश ने छेड़ा खतियान के आधार पर स्थानीयता का राग

रांची : आजसू ने उपचुनाव में हार के बाद अब स्थानीयता का राग छेड़ा है। इस हार के लिए सरकार की स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन आदि के मुद्दोंको भी जिम्मेदार ठहराने वाले आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर स्थानीय नीति में संशोधन करने को कहा है। स्थानीय सह नियोजन नीति में संशोधन की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद ही उन्होंने यह पत्र लिखते हुए खतियान के आधार पर स्थानीयता तय करने की मांग की। कहा कि राज्य व जिला स्तरीय पदों पर शत-प्रतिशत नियुक्ति वैसे लोगों की ही हो जिनका राज्य या जिला के अंदर अपने या अपने पूर्वजों के नाम जमीन, बासगीत आदि का उल्लेख पिछले सर्वे रिकार्ड ऑफ राइट्स में है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 10:12 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 10:12 PM (IST)
सुदेश ने छेड़ा खतियान के आधार पर स्थानीयता का राग
सुदेश ने छेड़ा खतियान के आधार पर स्थानीयता का राग

रांची : आजसू ने उपचुनाव में हार के बाद अब स्थानीयता का राग छेड़ा है। इस हार के लिए सरकार की स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन आदि के मुद्दोंको भी जिम्मेदार ठहराने वाले आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर स्थानीय नीति में संशोधन करने को कहा है। स्थानीय सह नियोजन नीति में संशोधन की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद ही उन्होंने यह पत्र लिखते हुए खतियान के आधार पर स्थानीयता तय करने की मांग की। कहा कि राज्य व जिला स्तरीय पदों पर शत-प्रतिशत नियुक्ति वैसे लोगों की ही हो जिनका राज्य या जिला के अंदर अपने या अपने पूर्वजों के नाम जमीन, बासगीत आदि का उल्लेख पिछले सर्वे रिकार्ड ऑफ राइट्स में है।

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सुदेश ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गई स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के अलावा उन तमाम परीक्षाओं को रद करने की मांग की जिनका परिणाम जारी नहीं हुआ है। साथ ही स्थानीय नीति में संशोधन होने तक सभी बहालियों पर रोक की मांग की है। सुदेश ने संविदा पर होनेवाली नियुक्तियों में भी स्थानीय नीति के प्रावधानों को लागू करने के अलावा तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियां दस वर्ष के बजाए दस नियुक्ति वर्ष के स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित करने की मांग की है, क्योंकि राज्य में परीक्षाएं समय पर नहीं हो रही हैं। सुदेश ने यह भी कहा है कि राज्य में कतिपय नेताओं द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन किया गया है, जिसकी एसआइटी से जांच हुई है। इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए दोषी लोगों पर अविलंब कार्रवाई हो।

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